जौनपुर ; समानता सरलता व गरिमा से जीवन जीना है मानवाधिकार: न्यायाधीश


शाहगंज(जौनपुर) : राजकीय महिला चिकित्सालय में शनिवार को मानवाधिकार जागरुकता विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ जिसका शुभारंभ प्रियाशी जायसवाल द्वारा स्वागत गीत से किया गया। सरस्वती शिशु मन्दिर के छात्रों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
मुख्य अतिथि हाईकोर्ट न्यायाधीश सखाराम सिंह यादव रहे। विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष मधु गुप्ता रहीं। अध्यक्षता उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ न्यायाधीश राजमणि चौहान ने किया। संचालन ओपी सिंह एवं आभार प्रदर्शन प्रशांत अग्रहरि ने किया।
मुख्य अतिथि ने कहा कि मानवाधिकार का मतलब समानता सरलता और गरिमा से जीवन जीने का हक है। मानवाधिकार अलग अलग तरीके से प्राप्त होता है। नैसर्गिक व कानूनी। यदि आप का मुकदमा पुलिस नहीं दर्ज करती है तो आपके पास न्यायालय में मामला दर्ज कराने का अधिकार प्राप्त है। जरूरत है जागरूकता की आपको अपने हक की लड़ाई लड़ना आपका अधिकार है।
विशिष्ट अतिथि डीएसएचआरडी ह्यूमन राइट के राष्ट्रीय चेयरमैन मधु गुप्ता ने कहा कि मानवाधिकार का सवाल मानव गरिमा की रक्षा से शुरू हुआ। वर्तमान दौर में जो राजनीति हो रही है मानवाधिकारवादी नहीं है। सभी लोगों को अपने अधिकार के प्रति सचेत रहना चाहिए। भारत में कई कानून होने के बावजूद घरेलू हिंसा महिला अत्याचार दुराचार जैसी वारदातें हो रही हैं जो चिंता का विषय है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे लखनऊ हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति राजमणि चौहान ने कहा कि आज मनुष्य की सबसे बड़ी जरूरत शिक्षा और स्वास्थ्य आम लोगों की पहुंची से बाहर हो गई। शिक्षा और स्वास्थ्य आम नागरिक का अधिकार है।
इस दौरान ह्यूमन राइट महिला सेल के प्रदेश अध्यक्ष आशा बिहारी, मोहन सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष सौरव मोदनवाल, धर्मा चौबे, अमित अग्रहरी, बागीश सिंह, रमाकांत जायसवाल, प्रदीप जायसवाल, देवेन्द्र उर्फ शेखर साहू, डा एसएल गुप्ता, मोहम्मद अब्बास, डा राहुल वर्मा, डा आलोक पालीवाल,संतोष अग्रहरि सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।