शाहगंज(जौनपुर): मामला सदन में पहुंचने के बाद स्वास्थ विभाग और प्रशासन हरकत में आया और ताबड़तोड़ नगर के पांच अस्पतालों पर विभाग ने छापेमारी कर अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग होमों को चेतावनी भी दे दी की या तो ऐसे लोग अस्पताल बन्द कर दें या फिर नियम कायदे के अनुसार चले।छापेमारी की कार्यवाई से निजी नर्सिंग होमो और अस्पतालों में सोमवार और मंगलवार को भी हड़कम्प मचा रहा।
बताते चले सोमवार को राजकीय पुरुष चिकित्सालय के अधीक्षक डॉक्टर रफीक फारूकी और तहसीलदार अभिषेक राय सहित पुलिस बल की मौजूदगी में नगर के खुटहन मार्ग स्थित सत्य प्रेम हॉस्पिटल, दादर बाईपास स्थित आशीर्वाद हड्डी अस्पताल, आजमगढ़ रोड स्थित आस्था सेवा सदन, भादी स्थित कलावती मेमोरियल हॉस्पिटल एवं पुरानी बाज़ार स्थित रियाजुल मेमोरियल अस्पताल में स्वास्थ विभाग और प्रशासन ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर अस्पताल के कागजात ,डिग्री और मानकों की गहनता से जांच पड़ताल की जिसमे तीन अस्पताल मानकों को दरकिनार कर झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे चलते पाया गया।जिसपर स्वास्थ विभाग ने मंगलवार को आस्था सेवा सदन, आशिर्वाद हड्डी अस्पताल एवं कलावती मेमोरियल हॉस्पिटल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई।
एवं रियाजुल हक मेमोरियल अस्पताल को नोटिस देते हुए स्पष्टी करण की बात कही गयी। जिससे अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग होम संचालकों में हड़कम्प मचा रहा।
वहीं दूसरी तरफ नगर के लगभग हर मुहल्ले में धड़ल्ले से मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए चल रहे बड़े अस्पतालों पर स्वास्थ विभाग की नजरें इनायत रहती हैं।विभाग ऐसे अस्पतालों पर हाथ डालने से कतरारा रहता हैं जो डिग्रीधारक होते हुए भी नियम कायदे को खुलेआम माखौल उड़ाते हैं और सम्बंधित विभाग इनपर ध्यान नही देता है।या फिर सब जानते हुए अनजान बना रहता है।इस खास मेहरबानी की वजह आम आदमी को बिल्कुल भी समझ मे नही आती जो मजबूरी ऐसे अस्पतालों के चक्कर मे पड़ आर्थिक और मानसिक शोषण के शिकार होते हैं और स्वास्थ विभाग मौन रहता है।
इस सम्बंध में सामुदायिक स्वास्थ केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर रफीक फारूकी ने बताया की तीन अस्पतालों जो मानक विहीन और चिकित्सक विहीन पाए गए थे।इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है।श्री फारूकी ने कहा की यह कार्यवाई आगे भी चलेगी।जनता के स्वास्थ से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाई की जाएगी।