बाप की लाचारी निकला था जब वो घर से सोचा रोटी लाऊंगा, मेहनत करके कुछ काम से मैं कमाकर खाऊंगा । जब पहुंचा वो काम पर तबियत ने साथ छोड़ दिया , हाथ तो उसके काम कर लेते
पर हिम्मत ने रास्ता मोड़ लिया । घर आया तो बेटे ने पूछा पापा तुम वापस क्यू आए ? पैसा नही रोटी है नही तो घर को क्यू तुम आए ? सुनकर ऐसा दर्द उठा उस पिता के सीने में , ठान लिया उसने कि कोई मजा नही अब जीने में। अंत समय में उसने कहा बेटा कभी जब तू कमाएगा और तेरा बेटा तुझे ऐसे सुनाएगा तब तेरा बाप तुझे याद आएगा ? इतना कहकर उसने इस दुनिया को छोड़ दिया ,
प्राण से ज्यादा बेटा था पर उसने रिश्ता तोड़ दिया । जब पिता की याद आई तो बेटा एक बात सोचता था , उस दिन मैंने वो बात क्यू की पल पल वो बाल को नोचता था । कभी भी पिता अपने बच्चे को नहीं कोसता है हर वक्त उसकी खुशी के बारे में सोचता है , कुछ बेटे ऐसे आज भी मिलते हैं जो देख पिता को जलते हैं उनके टुकड़ों पर पल कर सीना तान के जीते हैं, साथ उनका जब छूट जाता है तो दूसरे के सिर पकड़ के रोते हैं
–रितेश मौर्य
जौनपुर , उत्तर प्रदेश
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