जौनपुर/मियापुर:जौनपुर के शाक्य मौर्य सभा कार्यालय पर समाज सुधारक और स्त्रियों की शिक्षा के जनक ज्योतिबा फुले का जन्म दिवस कार्यक्रम मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुवात शाक्य मौर्य सभा के अध्यक्ष प्रेम चंद मौर्य द्वारा ज्योतिबा फूले के चरणो में पुष्प अर्पित कर एवम् दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया।इसके बाद प्रेमचंद मौर्य द्वारा ज्योतिबा फूले के बारे में विस्तार से बताया गया।उन्होंने बताया जिस समय फूले का जन्म हुआ उस समय समाज में नारी समाज को लेकर काफी सामाजिक कुरीतियां फैली थी,उन्हें शिक्षा का अधिकार नहीं था, पति की मृत्यु होने पर उन्हें पति के साथ सती प्रथा के नाम पर जिंदा जला दिया जाता था और बालविवाह तो आम प्रथा थी।ज्योतिबा फुले ने अपने विवाह के पश्चात सर्व प्रथम अपनी पत्नी सावित्री बाई फूले को शिक्षित करके उन्हें नारियों का शिक्षित करने का दायित्व सौंपा और आज उन्हीं की देन है कि आज हमारे समाज की बेटियों को पढ़ने लिखने का अधिकार मिला।कार्यक्रम में आए शिक्षक राजकुमार मौर्य ने बताया कि ज्योतिबा फुले भारतीय समाजसुधारक, समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे। इन्हें महात्मा फुले एवं ”जोतिबा फुले के नाम से भी जाना जाता है, इन्होने महाराष्ट्र में सत्य शोधक समाज नामक संस्था का गठन किया। महिलाओं व दलितों के उत्थान के लिय इन्होंने अनेक कार्य किए। समाज के सभी वर्गो को चाहे वो गरीब हो या अमीर हो,किसी भी जाति को, शिक्षा प्रदान करने के ये समथर्क थे। वे भारतीय समाज में प्रचलित जाति पर आधारित विभाजन और भेदभाव के विरुद्ध अनेक कार्य किए।कार्यक्रम में मुख्य रूप से शाक्य मौर्य सभा के अध्यक्ष प्रेम चंद मौर्य ,उपाध्यक्ष भूपेंद्र मौर्य,लोक मंगल दल अध्यक्ष प्रदीप कुमार मौर्य,एडवोकेट विनय कुमार मौर्य,शिक्षक राज कुमार मौर्य, डीसी दादा,रूप चंद मौर्य,द दस्तक 24 ब्यूरो चीफ पंकज कुमार मौर्य,नरसिंह मौर्य आदि लोग मुख्य रूप से मौजूद रहें।जौनपुर के शाक्य मौर्य सभा कार्यालय पर समाज सुधारक और स्त्रियों की शिक्षा के जनक ज्योतिबा फुले का जन्म दिवस कार्यक्रम मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुवात शाक्य मौर्य सभा के अध्यक्ष प्रेम चंद मौर्य द्वारा ज्योतिबा फूले के चरणो में पुष्प अर्पित कर एवम् दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया।इसके बाद प्रेमचंद मौर्य द्वारा ज्योतिबा फूले के बारे में विस्तार से बताया गया।उन्होंने बताया जिस समय फूले का जन्म हुआ उस समय समाज में नारी समाज को लेकर काफी सामाजिक कुरीतियां फैली थी,उन्हें शिक्षा का अधिकार नहीं था, पति की मृत्यु होने पर उन्हें पति के साथ सती प्रथा के नाम पर जिंदा जला दिया जाता था और बालविवाह तो आम प्रथा थी।ज्योतिबा फुले ने अपने विवाह के पश्चात सर्व प्रथम अपनी पत्नी सावित्री बाई फूले को शिक्षित करके उन्हें नारियों का शिक्षित करने का दायित्व सौंपा और आज उन्हीं की देन है कि आज हमारे समाज की बेटियों को पढ़ने लिखने का अधिकार मिला।कार्यक्रम में आए शिक्षक राजकुमार मौर्य ने बताया कि ज्योतिबा फुले भारतीय समाजसुधारक, समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे। इन्हें महात्मा फुले एवं ”जोतिबा फुले के नाम से भी जाना जाता है, इन्होने महाराष्ट्र में सत्य शोधक समाज नामक संस्था का गठन किया। महिलाओं व दलितों के उत्थान के लिय इन्होंने अनेक कार्य किए। समाज के सभी वर्गो को चाहे वो गरीब हो या अमीर हो,किसी भी जाति को, शिक्षा प्रदान करने के ये समथर्क थे। वे भारतीय समाज में प्रचलित जाति पर आधारित विभाजन और भेदभाव के विरुद्ध अनेक कार्य किए।कार्यक्रम में मुख्य रूप से शाक्य मौर्य सभा के अध्यक्ष प्रेम चंद मौर्य ,उपाध्यक्ष भूपेंद्र मौर्य,लोक मंगल दल अध्यक्ष प्रदीप कुमार मौर्य,एडवोकेट विनय कुमार मौर्य,शिक्षक राज कुमार मौर्य, डीसी दादा,रूप चंद मौर्य,द दस्तक 24 ब्यूरो चीफ पंकज कुमार मौर्य,नरसिंह मौर्य आदि लोग मुख्य रूप से मौजूद रहें।