जौनपुर, बदलापुर:-छात्र संगठन- ए आई डी एस ओ ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की प्रतीक प्रतियां जला कर विरोध किया और आनलाईन परिचर्चा आयोजित की।

जौनपुर,बदलापुर:- छात्र संगठन- ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (AIDSO) की अखिल भारतीय कमेटी के आह्वान पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ 2 से 8 अगस्त 2020 को देशव्यापी विरोध सप्ताह मनाने के क्रम में आज दिनांक 8 अगस्त 2020 को भी जौनपुर के बदलापुर क्षेत्र में एआईडीएसओ छात्र संगठन की तरफ से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ आनलाईन विरोध स्वरूप जगह जगह शिक्षा विरोधी नीतियों की प्रतीक प्रतियां जलाई गई और ऑनलाइन परिचर्चा भी आयोजित की गई।
इस अवसर पर संगठन के जिलाध्यक्ष- दिलीप कुमार ने कहा कि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय नवजागरण व आजादी आंदोलन के महापुरुषों, क्रांतिकारियों व शिक्षाविदों के सपनों के विपरीत है। हमारे देश के महापुरुषों क्रांतिकारियों ने सपना संजोया था कि, देश की आजादी के बाद “जनवादी, वैज्ञानिक, धर्मनिरपेक्ष व निशुल्क शिक्षा पद्धति लागू होगी। गरीब से गरीब विद्यार्थियों को भी ऊंची से ऊंची शिक्षा प्राप्त करने का हक होगा। शिक्षा एक सेवा के रूप में देखी जायेगी और सबको मुफ्त में दी जाएगी, जैसे बारिश की बूंदें, सूरज की किरणें, जो सबके लिए बिना किसी भेदभाव के उपलब्ध है। अफसोस कि, इन सपनों के विपरीत शिक्षा आज एक बिकाऊ माल के रूप में तब्दील कर दी गई है और उद्योगपतियों को शिक्षा में पूंजी निवेश कर मुनाफा कमाने के लिए खुली छूट दे दी गई है। जिसकी शुरुआत नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-1986 के द्वारा ही कर दी गई थी। अब एक बार फिर केन्द्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से शिक्षा के निजीकरण, व्यापारीकरण, व्यवसायीकरण, सांप्रदायीकरण व केंद्रीयकरण की प्रक्रिया को और तेज कर दी गई है।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हरिशंकर मौर्य ने कहा कि, यह शिक्षा नीति पूंजीपति वर्ग के स्वार्थ में तैयार की गई है और भाजपा व संघ परिवार के शिक्षा के भगवाकरण की मंशा के अनुरूप है। जिससे एक तरफ शिक्षा बेहद महंगी होगी और दूसरी तरफ शिक्षा की प्राणसत्ता व गुणवत्ता पर प्रहार होगी। गरीब छात्र उच्च शिक्षा पाने से वंचित हो जाएंगे। इस शिक्षा नीति के द्वारा प्राथमिक स्तर पर अंग्रेजी पर प्रतिबंध लगाने, माध्यमिक शिक्षा में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने, धार्मिक व व्यवसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने, शिक्षा के जनवादी तरीके को खत्म कर केन्द्रीयकरण करने जैसे कई शिक्षा विरोधी कदम उठाएं गये हैं। जो पूरी तरह से जनविरोधी है। इसलिए सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को तुरंत वापस ले। आनलाईन परिचर्चा में प्रवीण विश्वकर्मा, सन्तोष प्रजापति, अंजली, पूनम, तृप्ति, शिवकुमार, गायत्री, विकास, हंसेश, संगम आदि ने विचार व्यक्त किए। संचालन- विकास कुमार मौर्य ने किया।