जौनपुर-सामाजिक सुधार के जनक थे बाबा साहब अंबेडकर- डॉ प्रभाष


शाहगंज ( जौनपुर): वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध राजकीय महिला महाविद्यालय शाहगंज में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्र निर्माण और विकास में अंबेडकर की वैचारिक अवदान विषय पर पहले दिन वक्ताओं ने डॉ अंबेडकर के जीवन चरित्र पर विस्तार से चर्चा किया।
सेमिनार के मुख्य अतिथि सहायक शिक्षा सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद वाराणसी के डॉ प्रभाष कुमार झा ने डॉ अंबेडकर के जीवन के संघर्षों और सामाजिक विकास में उनकी भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने राष्ट्र निर्माण एवं विकास के आधार पर अंबेडकर को महान व्यक्ति व संविधान को अंतिम आधार माना। तमाम सामाजिक सुधारों के जनक थे। विधी श्रम मंत्री के दौरान विश्व बैंक की स्थापना बहुउद्देशीय योजनाओं का सृजन उनके द्वारा किया गया। जिसमें सभी जाति धर्म को लाभ मिला। विशिष्ट अतिथि पूर्व प्राचार्य मनराज शास्त्री ने कहा कि गांधी गोखले बाल गंगाधर तिलक द्वारा लड़ी गई आजादी की लड़ाई राजनीतिक आजादी के लिए थी। जबकि डॉ भीमराव अंबेडकर ने नारियों दलितों शिक्षा समानता और अन्याय झेल रहे लोगों के लिए संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर 1927 को अंबेडकर द्वारा मनुस्मृति की प्रतियां जलाए जाने का उद्देश्य सामाजिक आर्थिक राजनीतिक समानता का विरोध था। संविधान निर्माण के वह सबसे बड़े अध्ययन के जनक थे। उन्होंने कहा कि जब तक देश में जाति है अंबेडकर प्रासंगिक हैं।
इसके अलावा जिला पूर्ति अधिकारी अजय कुमार सिंह, स्वामी डॉ करपात्री महाराज, डॉ संजय कुमार ने अंबेडकर के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए उन्हें समाज सुधारक बताया। अध्यक्षता कर रही प्राचार्य डॉ नूर तलअत ने अपने विचार रखे। संयोजन प्रो अखिलेश कुमार, आयोजन सचिव डॉ संदीप कुमार यादव, सहायक सचिव डॉ रवि प्रकाश ने भी अंबेडकर के बारे में चर्चा किए। इस अवसर पर डॉ मोती चंद यादव, डॉ ओम प्रकाश, डॉ अविनाश चंद्र, डॉ सत्येंद्र, डॉ पूजा गुप्ता, डॉ सर्वजीत सिंह, चंद्रमौली मिश्रा, डा शिखा मौजूद रहे।