जौनपुर :विश्व तम्बाकू निषेध दिवस‘‘ के उपलक्ष्य में जन जागरूकता फैलायें जाने हेतु हस्ताक्षर अभियान एवं एक गोष्ठी का हुआ आयोजन

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस‘‘ के उपलक्ष्य में जन जागरूकता फैलायें जाने हेतु हस्ताक्षर अभियान एवं एक गोष्ठी का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 लक्ष्मी सिंह की अध्यक्षता में जिला चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में किया गया। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/नोडल अधिकारी डा0 बी0सी0 पन्त द्वारा बताया गया कि 31 मई 2025 यानि आज ‘‘विश्व तम्बाकू निषेध दिवस‘‘ पर इस वर्ष की थीम  “Unmasking the Appeal: Exposing Industry Tactics on Tobacco and Nicotine Products”  है। तम्बाकू सेवन का ब्यापक दुष्प्रभाव है। इसके सेवन से कई बीमारियां हो सकती है। लोगो को जागरुक करने के लिये प्रत्येक वर्ष 31 मई को ‘‘विश्व तम्बाकू निषेध दिवस‘‘ दिवस मनाया जाता है। उनके द्वारा बताया गया कि तम्बाकू सेवन से गम्भीर बिमारियां जैसे-मुख, फेफड़े का कैन्सर, बी0पी0, शुगर, नपुंसकता इत्यादि बीमारियो हो सकती है इस कारण कई लोग समय से पहले अपंग या मत्यु को प्राप्त करते है। नोडल अधिकारी तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम डा0 बी0सी0 पन्त द्वारा बताया गया कि 28 मई से 03 जून 2025 तक तम्बाकू निषेध हेतु अभियान चलाया जा रहा है

जिसमे अभियान के दौरान समस्त जनपद के विभागों का दायित्व होगा कि वे अपने-अपने कार्यालय में तम्बाकू निषेध जनजागरूकता पर चर्चा करायें तथा जनहित में प्रचार-प्रसार करायें, प्रति सप्ताह स्वास्थ्य, पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायती राज्य विभाग, खाद्य विभाग, औषधी प्रशासन विभाग, नगर निकाय, परिवहन विभाग आदि सार्वजनिक स्थलों पर छापेमारी करें तथा अधिनियम का उल्लघंन करने पर दोषी पायें जाने के विरूद्ध जुर्माना की कार्यवाही करें, ब्लाँक स्तरीय चिकित्सालयों में प्रतिदिन आने वालें मरीजों एवं तीमारदारों की काउन्सिलिग कर उन्हें तम्बाकू के दुष्प्रभाव के प्रति जागरूक करें। इस दिन का मुख्य उददेश्य सिगरेट और अन्य तरीको के माध्यम से तम्बाकू सेवन के हानिकारक स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में लोगो मे जागरुकता फैलाना है। धूम्रपान करने की बुरी आदत से छुटकारा पाने में धूम्रपान करने वालों की मदद करना महत्वपूर्ण है।

उनके द्वारा बताया गया कि लोगो को तम्बाकू सेवन से मुक्त होने हेतु जिला पुरुष चिकित्सालय जौनपुर में तम्बाकू उन्मूलन केन्द्र क्रियाशील है। आकड़े बताते है कि प्रति वर्ष साठ करोड़ वृक्षो को काटकर सिगरेट बनाया जाता है और तम्बाकू जनित उत्पादो से लगभग आठ करोड़ चालीस लाख टन कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जित होती है जिससे वायुमण्डल का तापमान बढ़ता है इतना ही नही सिगरेट बनाने में लगभग बाइस अरब लीटर पानी का उपयोग किया जाता है इससे न केवल पर्यावरण का खतरा उत्पन्न होता है बल्कि जल की बर्बादी होती है। उनके द्वारा बताया गया कि अगर ब्यक्ति दृढ़ इच्छाशक्ति बना ले तो वह नशा छोड़ सकता है। सभी को उक्त आभियान में सच्चे मन के साथ सक्रिय रुप से भाग लेने हेतु शपथ दिलायी गयी। इस अवसर पर एफ0एल0सी0 जय प्रकाश गुप्ता, विवेक कुमार एवं कुलदीप श्रीवास्तव एवं एन0सी0 डी0 सेल के सभी अधिकारी/कर्मचारी, डा0 बी0सी0 पन्त नोडल अधिकारी/अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डा0 राजीव कुमार अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डा0  नरेन्द्र सिंह जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, डा0 डी0के0 सिंह उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डा0 अरूण कुमार उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सत्यव्रत त्रिपाठी जिला कार्यक्रम प्रबंधक, एन0एच0एम0 एवं नीरज सिंह आदि उपस्थिति रहे।

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