बरेली: कोरोना संक्रमित को 90 हजार में बेच दिया नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन, मरीज की मौत के बाद नकली होने का पता चला केस दर्ज । (मृतक के घर वाले इंसाफ को अधिकारियों के चक्कर लगा लगा कर थक चुके है , लेकिन निराशा के सिवा कुछ हासिल नही )
बरेली -बरेली में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए जाने के बाद एक कारोबारी की मौत के मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. मामले की जांच अभी की जा रही है.कोरोना की दूसरी लहर में कई दवा व्यापारियों ने आपदा को अवसर के तौर पर लिया. व्यापारियों ने दवाइयों को ऊंची कीमतों पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाया. वहीं कई लोगों ने पैसों के लिए नकली इंजेक्शन को बेचकर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने से भी गुरेज नहीं किया. ऐसा ही एक मामला बरेली में सामने आया है. एक बड़े समाजसेवी को जब कोरोना हुआ तो उन्हें मनोहर मेडिकल हॉल से रेमडेसिविर इंजेक्शन 90 हजार में मिला. इंजेक्शन लगाने के कुछ देर बाद ही तबियत खराब हो गई थी और 14 दिन के बाद मनोज अग्रवाल की मौत अस्पताल मे हो गई थी I जांच में पता चला इंजेक्शन नकली है. अब आरोपी मेडिकल संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है.नकली इंजेक्शन से मौत का मामला बीते महीने का है. फतेहगंज पश्चिमी के प्रमुख कारोबारी एवं वरिष्ठ समाजसेवी मनोज अग्रवाल उर्फ पम्मी लाला को पिछले महीने कोरोना हुआ था. परिवार ने उनको बरेली के निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार गिर रहा था और सांस लेने में तकलीफ थी. साथ ही इन्फेक्शन बढ़ता जा रहा था. डॉक्टरों ने उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत बताई थी.डॉक्टर की सलाह पर दिया रेमडेसिविर डॉक्टर की सलाह पर पम्मी लाला के बेटे तुषार और संसार अग्रवाल ने मेडिकल शॉप से 90 हजार रुपये में रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदे और उन्हें अपने पिताजी को लगवा दिया. इंजेक्शन लगने के बाद परिजनों को आस थी कि वह ठीक हो जाएंगे, उनकी हालत और बिगड़नी शुरू हो गई. परिजन उन्हें दिल्ली के बड़े अस्पताल में लेकर गए, लेकिन वहां उपचार के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका और 12 मई को उनका निधन हो गया.उस समय परिजनों ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया. पम्मी लाला के बेटे ने डॉक्टरों से इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि इंजेक्शन लगने के बाद मौत के चांस बहुत कम होते हैं. पम्मी के पुत्र का माथा ठनका और उसने घर में रखे एक इंजेक्शन का रैपर डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर ने देखते ही कह दिया कि इंजेक्शन नकली है.मृतक के भाई प्रवीन कुमार अग्रवाल का कहना है कि परिवार के लोग इंसाफ के लिये दर दर भटक रहे है, और अधिकारियों के चक्कर काट काट कर थक चुके है I आरोपी आराम से रह रहे है उनके खिलाफ कोई कारवाई नही हुई है उनका कहना है कि इस केस की ठीक से जॉच पडताल होनी चाहिये जिससे आरोपी मनोहर मेडिकल हॉल संचालक के खिलाफ सख्त से सख्त कॉरवाई की जा सके I