लखनऊ में शुक्रवार को सीएम आवास के बाहर बम मिलने की सूचना मिली। जानकारी मिलते ही मौके पर बम निरोधक दस्ता पहुंचा। मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आसपास के जगहों पर छानबीन की जा रही है। मौके अधिकारी पहुंच चुके हैं।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली मुख्यालय में बम मिलने की फर्जी सूचना दी गई थी। एक फर्जी कॉल के चलते पुलिस टीम ने जांच की थी। इसको लेकर सभी वरिष्ठ अधिकारियों को भी जानकारी दे दी गई है। कॉल करने वाले के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सर्विलांस टीम को लगाया गया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार दोपहर बाद एक फोन से मुख्यमंत्री आवास के बाहर बम प्लांट करने की सूचना आई थी। जिसके बाद लखनऊ मध्य की पुलिस टीम के साथ एलआईयू, जांच एजेंसी और बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंचा।
एहतियातन मुख्यमंत्री आवास के आसपास चेकिंग शुरू करने के साथ हर आने जाने वाले पर नजर रखनी शुरू कर दी गई। करीब एक घंटे की पड़ताल के बाद बम न मिलने पर पुलिस अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
लखनऊ DCP मध्य अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम में करीब 2:30 बजे कॉल आई। कि सीएम आवास के रेजिडेंस के पास बम होने की सूचना है।
जिसके बाद पूरी पुलिस टीम, विशेष जांच दल से पूरे क्षेत्र को स्कैन कराया गया। अभी तक की सूचना की पुष्टि नहीं हो पाई है। फिलहाल, सर्विलांस अन्य माध्यम के तरीके से प्रयास किया जा रहा है। कॉल करने वाले को ट्रेस किया जा रहा है।
साल 2022 में सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर कई बार फर्जी कॉल से धमकियां दी गईं। 14 अगस्त को सीएम योगी को जान से मारने की धमकी देने के मामले में भरतपुर के रहने वाले युवक को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले दो मानसिक विक्षिप्त युवकों ने भी धमकी दी थी। यूपी पुलिस के कंट्रोल रूम में कई बार धमकी देने की शिकायतें दर्ज की गई हैं।
यूपी के CM योगी आदित्यनाथ के पास सुरक्षा का ऐसा चक्र है जो किसी अभेद किले से कम नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी के बाद सबसे मजबूत सुरक्षा उन्हें ही दी गई है। सीएम के पास जेड प्लस सुरक्षा है। सीएम योगी जिस गाड़ी से चलते हैं, वह बम प्रूफ है। योगी जहां भी जाते हैं, 15 गाड़ियों की फ्लीट में उनकी गाड़ी रहती है।
देश में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की काफी हाईटेक है। उनके साथ हर समय NSG (नेशनल सिक्टयोरिटी गार्ड) के 25 कमांडो रहते हैं। यानी यदि इनकी शिफ्ट 8 घंटे की है, तो कुल मिलाकर 75 कमांडो तैनात हैं। यह ब्लैक वर्दी में रहते हैं। ब्लैक वर्दी पर बैज लगा होता है। इनके पास हाईटेक हथियार के साथ बुलेट प्रूफ जैकेट भी रहती है। यह कमांडो CRPF, ITBP के जवान होते हैं, जो हर स्थिति से निपटने के लिए ट्रेंड होते हैं। सीएम योगी को गृह मंत्रालय ने जेड प्लस सुरक्षा दी है। यह देश में दूसरी बड़ी सुरक्षा मानी जाती है। इसमें 28 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। NSG कमांडो के अलावा यूपी आर्म्ड पुलिस के जवान भी शामिल होते हैं।
सीएम जहां जाते हैं, वहां के आईजी, डीआईजी और कप्तान खुद सुरक्षा संभालते हैं। कार्यक्रम स्थल, मंच, हेलीपैड पर 4 सुरक्षा रिंग बनाए जाते हैं। यहां स्थानीय पुलिस के शस्त्र धारी जवान पीछे कर दिए जाते हैं। मंच या अन्य कार्यक्रम स्थल पर एक एएसपी, कम से कम 2 डीएसपी लगाते जाते हैं।
कुल मिलाकर एक कमांडेंट रैंक के अधिकारी, 5 से 6 एडिशनल एसपी, 15 सीओ अलग-अलग स्थानों पर लगाए जाते हैं। कार्यक्रम स्थल के आसपास इंटेलीजेंस और बम निरोधक दस्ता पहले से अलर्ट रहता है। कार्यक्रम के 800 मीटर के दायरे में पुलिस मकानों की छत से भी निगरानी करती है। स्थानीय पुलिस के अलग-अलग पूरी सुरक्षा में 1500 जवान लगाए जाते हैं। दूसरे जिलों से पुलिस फोर्स लगाया जाता है।
दूसरा घेरा आउटर रिंग का रहता है, जिसमें सीएम सिक्योरिटी रहती है। तीसरा घेरा NSG कमांडो संभालते हैं। चौथे घेरे में सीएम के पास NSG कमांडो ही रहते हैं। स्थानीय तौर पर PAC समेत 1200 से 1500 जवान अलग-अलग स्थानों पर लगाए जाते हैं। 800 मीटर से एक किमी के दायरे में सुरक्षा कड़ी रखी जाती है।
सीएम की फ्लीट में 15 गाड़ी रहती हैं। जहां भी वह जाते हैं उस हाईवे और मार्ग को 5 से दस मिनट पहले ही स्थानीय पुलिस खाली करा लेती है। यानी पुलिस किसी भी वाहन को मार्ग पर नहीं आने देती। जहां-जहां कट होते हैं, वहां पुलिस की सुरक्षा लगाई जाती है।