उदयपुर में पूर्व केन्द्रीय मंत्री से मुस्लिम नेताओं की बहस:बोले- गनमैन और नौकर की बेटी को टिकट दिया, पूर्व मंत्री बोलीं- मुझे कुछ पूछता ही नहीं

उदयपुर में कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास के साथ मुस्लिम समाज के कुछ नेताओं के साथ बहस का वीडियो खुब चर्चा में हैं। नए ब्लॉक अध्यक्ष और पार्षदों के टिकट पर विरोध जताने के लिए मुस्लिम समाज से जुडे़ कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ता डॉ व्यास के घर पहुंचे थे। इस दौरान व्यास के घर के बाहर ही उनकी व्यास से बहस हो गई।

गुस्से में आई गिरिजा ने भी हाथ जोड़कर इशारों ही इशारों में उन्हें घर से जाने के लिए कह दिया। कार्यकर्ता उनकी उपेक्षा और मनमानी नियुक्तियां करने का आरोप लगा रहे थे, तभी गिरिजा व्यास ने कहा कि मेरी पार्टी में कोई सुनता ही नहीं हैं।

दरअसल, बुधवार को कांग्रेस पार्षद गौरव प्रताप समेत कई पार्षदों द्वारा सूरजपोल चौकी पर अरबी भाषा में लिखे शब्दों का हटाने की मांग की गई थी। इस पर नगर निगम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन शब्दों को हटा दिया। बाद में जब मुस्लिम समाज से जुड़े कई कार्यकर्ता को इसका पता लगा तो वे इस बारे में पूर्व सदर शराफत खान के नेतृत्व में गौरव प्रताप की शिकायत करने दैत्यमगरी स्थित डॉ गिरिजा व्यास के घर पहुंचे।

इस दौरान नेताओं ने हाल ही में हुई ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति में एक भी मुस्लिम समाज के नेता को मौका नहीं मिलने और कार्यकारिणी में भी शामिल नहीं किए जाने पर आक्रोश जताया। कांग्रेस नेता शराफत खान ने व्यास से जमकर बहस की और कहा कि पूर्व में उन्होंने जो वायदे किए गए, उन्हें अब तक पूरा नहीं किया गया है।

सबसे पहले कांग्रेस नेता शराफत खान ने डॉ. व्यास से बातचीत शुरू की और उन्हें संगठन में तरजीह नहीं देने की बात कही। इसके बाद बातों बातों में ही शराफत खान आक्रोशित हो गए और डॉ व्यास से जमकर बहस करने लगे। इस दौरान खान के साथ मौजूद कई कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोकने की कोशिश भी की मगर खान नहीं रुके। करीब 5 मिनट तक डॉ व्यास भी शराफत खान की बात को सुनती रही। इसके बाद डॉ. गिरिजा व्यास ने कहा कि मेरी भी संगठन में कोई नहीं सुनता। नियुक्तियों के बारे में मुझे ध्यान नहीं है। बहस के बाद जब डॉ व्यास को लगा कि मामला नहीं थम रहा तो वह भी हाथ जोड़कर अपने घर में चली गई। बहस का यह वीडियो शराफत के साथ एक कार्यकर्ता ने रिकॉर्ड कर लिया।

शराफत खान ने कहा कि आप तीन तीन बार मंत्री बने। हम उसकी बात नहीं कर रहे हैं। आपने चुनाव में ऐसे ऐसे को मौका दिया जो हमारे खिलाफ है। सूरजपोल दरवाजे पर अरबी में लिखा था उसे कांग्रेस के पार्षदों ने ज्ञापन देकर हटवा दिया। क्यों हटवाया?

शराफत खान ने कहा कि लग रहा है कि कांग्रेस नहीं हमारे खिलाफ मुहिम चला दी है। अब कांग्रेस को हमारी जरूरत नहीं है। दो ब्लॉक अध्यक्ष बनाए हमारे में से किसी को मौका नहीं दिया। आपने तो गनमैन की बेटी, नौकर की बेटी को मौका दिया। हम खामोश रहे। हमें बाजार में उतारना चाहिए था पर हम आपके साथ हर कदम से कदम चलते रहे। एक भी मुस्लिम आपकी कमेटी में है? जिन्हें बनाया गया है मैं वार्ड से पार्षद तक का चुनाव हार गए।

इस पर जवाब देते हुए गिरिजा व्यास से कहा कि मुझसे पूछता ही नहीं है कोई। हमारे दिए हुए नहीं है ब्लॉक अध्यक्ष के नाम। इस पर हाथ जोड़ते हुए डॉ. गिरिजा ने कहा कि वा अब जाओ तो शराफत खान ने कहा कि आपने जाओ कहा इसका मतलब अब पूरी कौम को पता चलेगा। डॉ. व्यास के घर में जाने के बाद भी शराफत खान उनकी फाटक के पास खड़े होकर बोलते रहे। शराफत खान के साथ इस दौरान रियाज हुसैन, नासिर खान, मोहम्मद मोहसिन खान, पार्षद फिरोज अहमद शेख, नजमा मेवाफरोश, राशिद खान और निर्दलीय पार्षद मोहसिन खान मौजूद थे।