पंचायती राज विभाग में सचिवों द्वारा किए गए सरकारी धन के दुरप्रयोग के बाद एक और मामला खुलकर सामने आया है। यहां महिला प्रधान ने अपने पति, देवरानी और देवर के खाते में लाखों रुपये सरकारी विकास के नाम पर ट्रांसफर कर दिए। डीपीआरओ ने कारण बताओ नोटिस जारी किया। कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो मामले की जांच जिला ऑडिट अधिकारी कर रहे हैं।
इधर पंचायती राज विभाग में खुल रहे घोटालों ने खलबली मचा दी है। मामला ग्राम पंचायत अजीतनगर का है। सिढ़पुरा क्षेत्र की ग्राम पंचायत में घोटाला ग्राम प्रधान प्रीति एवं सचिव रजनेश कुमार के द्वारा किया गया। यहां विकास के नाम पर 15वें वित्त योजना द्वारा वर्ष 2022 में महिला प्रधान ने अपने पति संजीव कुमार के निजी खाते में एक लाख 44 हजार 200 रुपये स्थानांतरण किए।
वर्ष 2022-23 में महिला प्रधान ने अपने देवर आशीष कुमार के निजी बैंक खाते में छह लाख 75 हजार रूपये भेजे। वर्ष 2022 में प्रधान ने अपनी देवरानी नेहा के निजी खाते में एक लाख 94 हजार 400 रुपये भेजे। यह मामला दबा हुआ था।
पंचायती राज विभाग के अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे थे, लेकिन इसकी शिकायत पिछले साल नवंबर माह में हुई तो खलबली मची। 22 नवंबर को डीपीआरओ ने नोटिस जारी करते हुए तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन संतोषजनक जवाब अभी तक नहीं मिला है। लगभग तीन महीने के समय बीतने जाना है। कोई जबाव न मिलने से अब मामले की जांच जिला ऑडिट अधिकारी कर रहे हैं।
शैलेंद्र की शिकायत पर हुई कार्यवाही
यह शिकायत गांव अजीतनगर के शैलेंद्र कुमार सोलंकी ने की। उन्होंने डीपीआरओ के अलावा, कमिनश्नर और डीएम को भी शिकायती पत्र भेजा। अधिकारियों ने इसका संज्ञान लिया तब जाकर कार्यवाही होती दिखाई दी। ग्राम प्रधान पर आरोप लगा। हमने तत्काल प्रभाव से कारण बताओ नोटिस जारी किया और जवाब मांगा। मामला ग्राम प्रधान की गड़बड़ी का है इसलिए जिला स्तरीय ऑडिट अधिकारी जांच कर रहे हैं