कानपुर में एक नाइजीरियाई मूल के शख्स ने 18 महिलाओं को प्यार के जाल में फंसाकर खूब ठग. आरोपी का नाम जॉन बताया जा रहा है और उसने पुलिस से पूछताछ में कबूल किया है कि वह महिलाओं को महंगे गिफ्ट का झांसा देकर उनके साथ ठगी करता था. महिलाओं को अपने जाल में फंसाने के लिए वह नई कहानियां भी बनाता था. कुछ महिलाओं को उसने कस्टम विभाग के सारी विदेशी करेंसी पकड़े जाने की बात कही थी और फिर उन्हें महंगे तोहफे देने का झांसा देकर उनसे पैसे मांगता था. उसके साथ गैंग में कुछ और लोग भी शामिल थे और वो इसी तरह से महिलाओं को अपना शिकार बनाता थे. साइबर पुलिस ने कानपुर की रहने वाली एक महिला की शिकायत मिलने के बाद इस मामले में कार्रवाई करते हुए दो गिरफ्तारियां की हैं. कानपुर की थाना बाबूपुरवा पुलिस क्राइम ब्रांच की साइबर सेल टीम ने जॉन और हरजीत सिंह को अरेस्ट किया है. नाइजीरियन नागरिक जॉन दिल्ली के तिलक नगर और हरजीत सिंह महावीर एंक्लेव पालम में रहता था. दोनों यहीं से फोन और मैसेजिंग के जरिए महिलाओं को अपना शिकार बनाकर ठगी करते थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से मोबाइल फोन, लैपटॉप समेत दूसरे गैजेट्स भी जब्त किए हैं. नाइजीरियन जॉन ने उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और हरियाणा की 18 महिलाओं से भी ठगी कर रखी है.
जॉन ने अपने कबूलनामे में बताया कि उसने सोशल साइट्स पर फर्जी नाम की आईडी बनाई थी और वह कई महिलाओं के साथ चैटिंग करता था. वह महिलाओं से पहले दोस्ती करता था और फिर उनसे मैसेजिंग समेत दूसरे ऐप पर भी जुड़ जाता था. प्रेम जाल में फंसाने के लिए वह कई तरह की कहानियां सुनाता था जिसमें अपने को वह नाइजीरिया का बिजनेसमैन से लेकर आईटी प्रोफेशनल तक बताता था. कुछ दिनों बाद वह कभी करेंसी जब्त होने तो कभी कार्ड ब्लॉक होने का कहकर पैसे ऐंठता था. जॉन महिलाओं को महंगे आईफोन, लैपटॉप, घड़ी, ज्वेलरी देने का वादा करता था. यहां तक कि कुछ महिलाओं को को उसने शादी करके नैरोबी और नाइजीरिया ले जाने का भी दावा किया था. जॉन के पास से मिले मोबाइल को जब क्राइम ब्रांच टीम ने खंगाला तो उसमें अन्य 18 महिलाओं के नंबर मिले. जिनसे वह वॉट्सऐप कॉल और चैट के जरिए संपर्क में था. एडिशनल डीसीपी क्राइम मनीष सोनकर और साइबर सेल प्रभारी सलमान ताज पाटील ने बताया कि उसने फर्जी दस्तावेज दिखाकर 6 बैंकों में खाते भी खोले थे.