शाहगंज तहसील में एक अजीबोगरीब मामला प्रकाश में आया है। शाहगंज तहसील के एक प्राइवेट चपरासी राजाराम ने नायब तहसीलदार लपरि पर आरोप लगाया है कि वह घुस के पैसे का बटवारा सही से नहीं करते हैं। सबको₹1000 देते हैं और हमको 500 ही देते हैं। जिसकी शिकायत उसने लिखित जिला अधिकारी महोदय से की है। जिसके प्रार्थना पत्र का वीडियो भी वायरल हुआ है।
जिला अधिकारी ने इसके जांच के आदेश दिए हैं और जांच अधिकारी ए डी एम जौनपुर को बनाया है। जांच के लिए तहसील शाहगंज पहुंचे ए डी एम राम अछैबर चौहान ने बताया कि यहां कोई प्राइवेट कर्मचारी काम नहीं करता वायरल लेटर फर्जी है। जबकि तहसील अधिवक्ताओं का कहना है कि 30 से 40 प्राइवेट कर्मचारी तहसील में काम करते हैं बिना उसके काम ही नहीं होता। अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष सुभाष चंद्र यादव का कहना है कि तहसील परिसर में सभी कार्यालय में निजी कर्मचारी लगे हैं राजा राम नाम का प्राइवेट कर्मचारी भी है ।
अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि तहसील में 40% कर्मचारी प्राइवेट हैं राजा राम नाम का भी एक कर्मचारी है जो पत्रावलियों को ले जाता ले आता है। अधिवक्ता कुंवर अनुराग सिंह राणा का कहना है कि राजा राम कार्यालय में मौजूद है ।अधिवक्ता अजय सिंह का कहना है कि तहसील में 30 से अधिक प्राइवेट कर्मचारी हैं। नायब तहसीलदार लपरि शैलेंद्र सरोज ने कहा कि आरोप निराधार है साजिश के तहत हमें फसाया जा रहा है।