बरेली – मीरगंज तहसील के गांव कुल्छा खुर्द के प्रधान राहुल मौर्य और कोटेदार रामसेवक की दबंगई से ग्रामीण जन दुखी हो गए हैं पीड़ित ग्रामीण जनों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद संतोष कुमार गंगवार से मिले उन्होंने एसडीम मीरगंज से समुचित ग्रामीण जनों की मदद कराने का आश्वासन दिया है l
उप जिलाधिकारी मीरगंज धर्मेंद्र कुमार को दिए शिकायती पत्र में इन ग्रामीणों का कहना है कि उनके घरों के सामने आजादी के बाद से ही गांव समाज की खाली पड़ी भूमि पर पशुशालाए बनी हुई है झोपड़ी नुमा इन पशु शालाओं को ग्राम प्रधान राहुल मौर्य एवं ग्राम कोटेदार रामसेवक स्वयं बुलडोजर चलाकर इसके लिए हटाना चाहते हैं क्योंकि पीड़ित लोगों ने ग्राम प्रधान को विगत चुनाव में वोट नहीं दिए थे वोट की राजनीति के चलते ग्राम प्रधान कोटेदार लगातार पिछले 2 वर्षों से ग्रामीण जन ख्यालीराम शर्मा , भगवानदास शर्मा , नुक्ता प्रसाद शर्मा , मथुरा प्रसाद शर्मा और राजेंद्र मौर्य कि पशु शालाओं को हटाने के लिए लगातार दबाव बनाए हुए हैं इससे गांव में शांति भंग होने की संभावना बनी हुई है इन ग्रामीणों का कहना है कि मौजूदा प्रधान राहुल मौर्य के पिता दिवंगत लाखन सिंह मौर्य एवं माता अनारो देवी ने गांव के ही सरकारी आरक्षित भूमि पर मोटी रकम लेकर अमीर लोगों के मकान बनवा दिए हैं और वह इन गरीबों से भी पैसा अदा करने के लिए तरह-तरह के षड्यंत्र रच रहे हैं उनका कहना है कि ग्राम प्रधान और कोटेदार की दबंगई पूर्ण रवैया के चलते तमाम लोगों के खाद के गड्ढे समतल करके दबंग ट्रैक्टर वालों के लिए है ट्राली कल्टीवेटर रखने का प्लेटफार्म तैयार करा दिया गया है ।
एसडीएम मीरगंज को दिया शिकायती पत्र में कहां गया है कि इन ग्रामीणों के पास गांव में बटिया और खाद डालने के लिए कोई जगह शेष नहीं बची है बताते हैं कि यह ग्रामीण अपनी अपनी झोपड़ी नेमा पशुशाला में गाय, बकरी और भैंस पालन करके अपनी जीविका चला रहे हैं वर्तमान में यह ग्रामीण जन गांव से पलायन करने को मजबूर बने हुए हैं
पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद संतोष गंगवार ने पीड़ितों का दुखड़ा सुना उन्होंने पीड़ितों को एसडीएम मीरगंज के पास भेज दिया l
एसडीम मीरगंज कुमार धर्मेंद्र ने ग्रामीण जनों को आश्वासन दिया है कि उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा उन्होंने कहा कि ग्राम समाज से कब्जा हटाने बाला प्रधान कौन होता है उन्होंने मामले की लेखपाल से विस्तृत रिपोर्ट मांगी हैl
रिपोर्टर – परशुराम वर्मा