उत्तर प्रदेश की सरकार भले ही अवैध कामों पर हर प्रकार से शिकंजा कसने का काम कर रही हो जिसका असर कहीं-कहीं देखने को भी मिला है लेकिन बरेली जनपद में विभागों में बैठे वही पुरानी मानसिकता के अधिकारी सरकार के मंसूबों पर पानी फेरने का काम पर रहे है। आपको बता दें कि जनपद बरेली के जिला कृषि अधिकारी ने एक डीएपी की अवैध फैक्ट्री पर छापा मारा था जिसमें काफी भारी मात्रा में अवैध डीएपी खाद बरामद की थी जिसमें एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था और एक आरोपी भागने में सफल रहा था लेकिन तहसील आंवला में इस कार्रवाई से भी खाद माफियाओं पर कोई खास असर नहीं पड़ा क्योंकि आपको बता दें जिस यूरिया की कीमत 267 रुपए रखी गई है वही यूरिया खाद ₹300 से लेकर 3:30 रुपए में बेची जा रही है और किसानों को लूटा जा रहा है यदि इन अवैध खाद विक्रेताओं पर यदि कृषि विभाग के अधिकारियों की तरफ से कोई कठोर कार्रवाई नहीं होती है तो इसी प्रकार से किसानों को लूटा जाता रहेगा क्योंकि किसानों को दामों से अधिक दामों पर यूरिया खाद खरीदनी पड़ रही है क्योंकि किसानों को फसल समय पर तैयार करनी है इसलिए मजबूर किसान अवैध तरीके की खाद खरीदने को मजबूर है बताया जाता है कि जनपद बरेली में वैसे तो पूरे शहर से लेकर देहात तक अवैध खाद विक्रेताओं की कृषि विभाग की साठगांठ। के चलते अवैध खाद विक्रेताओं की बल्ले बल्ले हैं लेकिन इसमें बरेली जनपद का किसान पीस रहा है और मजबूर किसान अधिक दामों पर खाद खरीदने को मजबूर है जिसमें बरेली जनपद में तहसील आंवला अव्वल साबित हुई है जिसमें छोटे-छोटे दुकानदार बिना पंजीकरण के ही अवैध तरीके से यूरिया खाद बेच रहे हैं जिसकी कीमत 267 रुपए होनी चाहिए उसे यूरिया खाद को ₹350 तक बेचा जा रहा है और इस ओर कृषि विभाग का कोई भी अधिकारी ध्यान देने को तैयार नहीं है यदि इस प्रकार किसान लूटता रहा अब देखना यह होगा की छपी खबर से कृषि विभाग इन अवैध तरीके के खाद माफियाओं पर कोई कार्रवाई करता है या फिर इन्हीं की साठगांठ में यह अवैध खाद माफिया फल फूल रहे हैं।
रिपोर्टर परशुराम वर्मा