इमरान को कुछ अफसरों के खिलाफ बयान देने की छूट रहेगी, लेकिन वे आर्मी चीफ को सीधे टारगेट नहीं करेंगे।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अगले महीने तक जेल से रिहा हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ (PTI) और आर्मी के बीच इस बारे में डील हो चुकी है। इमरान की तरफ से खैबर पख्तूनख्वा के सीएम अली अमीन ने शनिवार को पेशावर में आर्मी के कोर कमांडर के साथ इफ्तार की दावत में डील को फाइनल किया।
अमीन इससे पहले अदियाला जेल में इमरान से मिले थे। बताया जा रहा है कि डील के तहत पहले इमरान को जेल से हाउस अरेस्ट में रखा जाएगा। इफ्तार पार्टी में शामिल PTI के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि आर्मी चीफ आसिम मुनीर की ओर से कोर कमांडर को चर्चा के लिए अपॉइंट किया गया था।
डील की सबसे अहम शर्त यह रखी गई है कि इमरान एक संस्था के रूप में सेना के खिलाफ बयानबाजी बंद करेंगे। इमरान को कुछ अफसरों के खिलाफ बयान देने की छूट रहेगी, लेकिन वे आर्मी चीफ को सीधे टारगेट नहीं करेंगे।
इमरान और उनकी पत्नी बुशरा बेगम को तोशाखाना केस में 14 साल के जेल केस में जमानत मिलेगी। फिर 10 साल की जेल वाले सीक्रेट दस्तावेज चोरी के मामले में जमानत दी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, इमरान के खिलाफ जमीन हड़पने का अल कादिर मामला चलता रहेगा। अगर इमरान खान ने डील तोड़ी तो उन्हें अल कादिर केस में फिर से जेल भेज दिया जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषक मजहर कहते हैं कि पाकिस्तान की सियासत में नेताओं पर जिस तेजी से केस दर्ज होते हैं वैसे ही ये केस खत्म भी हो जाते हैं। नवाज शरीफ के मामले में यह साबित हो चुका है, इमरान के मामलों में भी ऐसा ही हो सकता है।
इसके अलावा, PTI को कोर कमेटी के पुनर्गठन की इजाजत मिल चुकी है। इमरान को बाहर निकलवाकर सेना भी आगे चलकर वर्तमान शहबाज सरकार को काउंटर बैलेंस कर सकेगी।
इमरान खान पिछले 8 महीनों से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। उन्हें सबसे पहले तोशाखाना मामले में 3 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद इस साल फरवरी में पाकिस्तान में हुए चुनाव से कुछ दिन पहले ही खान को 3 मामलों में कुल 31 साल की सजा सुनाई गई। इनमें तोशाखाना से जुड़ा एक और मामला, सीक्रेट लेटर चोरी केस और बुशरा के साथ गैरकानूनी निकाह का केस शामिल है।