पीलीभीत में नेपाल सीमा से हो रही अवैध गतिविधियां,अब बढ़ी चौकसी; खुफिया तंत्र हो रहा मजबूत

पीलीभीत जिले से सटी नेपाल देश की सीमाएं खुली हुईं हैं। इस स्थिति में घुसपैठिए और अवैध गतिविधियां भी होती रहती हैं। अब इन गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षा कड़ी की जा रही है। जंगलों में भी चौकियां बन गई हैं। अब शारदा नदी और जंगलों के भीतर वन विभाग के कर्मचारी और पुलिस बल भी निगरानी में लगा हुआ है।

पीलीभीत जिले से सटी नेपाल देश की सीमाएं खुली हुईं हैं। इस स्थिति में घुसपैठिए और अवैध गतिविधियां भी होती रहती हैं। इन्हीं सबकी रोकथाम के लिए सीमा पर खुफिया तंत्र को मजबूत किया गया है। सीमा की सुरक्षा और निगरानी के लिए सशस्त्र सीमा बल ने चौकसी बढ़ा दी है।

जंगलों में भी चौकियां बन गई हैं। अब शारदा नदी और जंगलों के भीतर वन विभाग के कर्मचारी और पुलिस बल भी निगरानी में लगा हुआ है। थाना क्षेत्र से उत्तराखंड और नेपाल की सीमा मिली हुई है। कई गांवों से होकर उत्तराखंड और नेपाल में आवागमन हो जाता है।

तस्करी के लिए इस्तेमाल होती है सीमा
खुली हुई सीमा का फायदा उठाकर अक्सर तस्करी की भी घटनाओं को अंजाम दे दिया जाता है। सीमावर्ती क्षेत्र के गांव सुंदर नगर, बूंदीभूड़ और नौजल्हा से नेपाल की सीमा खुली हुई है। इन्हीं खुली हुई सीमा पर सशस्त्र सीमा बल को निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है। कई बार जवानों द्वारा सीमा पर तस्करी का सामान पकड़ा गया। यहां से चाइनीज मोबाइल, कास्मेटिक का सामान, गुड़, चीनी के अलावा कई इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद की भी तस्करी की जाती है।

अवैध गतिविधियों को रोकने में जुटा खुफिया तंत्र
सीमा पर अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए खुफिया तंत्र भी जुटा रहता है। इस समय शीतलहर चल रही है। रात्रि के अलावा दिन में भी कोहरा छाया रहता है। ऐसे मौसम में अक्सर तस्कर सक्रिय हो जाते हैं। इसी समय तस्करी की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। इसकी रोकथाम के लिए खुफिया तंत्र के अलावा सशस्त्र सीमा बल के जवानों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। अब निगरानी को और कड़ा करते हुए सीमा की सुरक्षा की जा रही है।

जवानों ने बनाई अस्थाई चौकियां
सशस्त्र सीमा बल के जवानों ने पहले ही सीमावर्ती वन क्षेत्रों में अस्थाई चौकियां बना लीं। क्योंकि सीमावर्ती वन क्षेत्र के रास्ते भी तस्कर जंगल में घुस के तस्करी की घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं। इसके साथ ही वन्यजीवों का भी सीमावर्ती वन क्षेत्र में खूब शिकार होता रहा है। इसी के मद्देनजर वन विभाग और पुलिस बल भी सक्रिय होकर जंगलों और शारदा नदी के किनारे जुट गया है।

शारदा नदी के घाटों से रास्ता बना रहे शिकारी
शिकारी शारदा नदी के घाटों को भी अपना रास्ता बना लेते हैं। नेपाल की सशस्त्र पुलिस बल, भारत की सशस्त्र सीमा बल, वन विभाग और पुलिस संयुक्त रूप से गश्त करके सीमा की निगरानी कर रहे हैं। वर्जन, समय-समय पर सीमा की निगरानी के लिए क्षेत्र में गश्त की जाती है। पुलिस की टीमें सीमावर्ती गांवों में भी निगरानी करतीं हैं। सीमा पर कोई भी अवैध गतिविधियां नहीं होने दी जाएंगी। अचल कुमार, थानाध्यक्ष माधोटांडा