अगर आप दिमागी बुखार से है परेशान तो जाने, लक्षण,कारण व उपचार

अक्सर बरसात के मौसम लोगों को बुखार होता है,लेकिन देश में हर साल तेजी से दिमागी बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है,दिमागी बुखार में व्यक्ति बहकी-बहकी बातें भी करने लगता है। इस बुखार से व्यक्ति का दिमाग हावी हो जाता है। इसलिए इस तरह के लक्षण दिखाई दे तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। जानते है दिमागी बुखार के लक्षण, कारण और उपचार

लक्षण –
दिमागी बुखार होने पर व्यक्ति तेज बुखार और ठण्ड लगने के साथ-साथ की मानसिक स्थिति में भी परिवर्तन होते है,सिर में दर्द होना,मांसपेशियो में कमजोरी महसूस होना,उल्टी होना ,गर्दन, पीठ और कंधो मे अकड़न

कारण –
घातक विषाणु जैसे सेंट लूसी वायरस, वेस्ट नील वायरस आदि वायरल इन्सेफेलाइटिस के प्रमुख कारण होते है। दिमागी बुखार होने पर कुछ लोगो के मस्तिष्क मे सूजन हो जाती है। दिमागी बुखार में लोगो को कई प्रकार के विषाणुओं जैसे रब्बिस वायरस, पोलियो वायरस, खसरे का विषाणु, और छोटी चेचक का विषाणु आदि दिमागी बुखार का कारण होता है।जब हमारी रोग प्रतिरोषक क्षमता कमजोर पड़ जाती है,और विषाणु हमारे मस्तिष्क की स्वस्थ कोशिकाओं पर आक्रमण करते है।

उपचार –
शरीर के तापमान को कम करने के लिए बर्फ के टुकड़ों को कपड़े में लपेटकर सिकाई करें।रोगी को अंधेरे और शांत कमरे में रहने दे,और शरीर को पूरी तरह आराम दें,लिक्विड फूड से परेज करे, ओआरएस का घोल गरम पानी में लें,रोगी को अनार का जूस दें और लहसुन का सेवन भी करवायें।