शिष्य हैं तो बहू के खिलाफ नहीं लड़ना चाहिए था ? शिवपाल यादव का रघुराज शाक्य पर हमला

मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव कई सियासी प्रयोगों का गवाह बन रहा है। एक तरफ मुलायम सिंह यादव की विरासत संभालने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने भी पूरी ताकत झोंक रखी है। भाजपा ने शिवपाल सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले रघुराज सिंह शाक्य को डिंपल के मुकाबले उतार दिया है। रघुराज सिंह शाक्य ने खुद को मुलायम सिंह यादव का शिष्य बताते हुए चुनाव प्रचार का आगाज किया। वहीं दूसरी तरफ एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में काफी समय से नाराज चल रहे शिवपाल सिंह यादव अब वापस सैफई कुनबे में खड़े नजर आ रहे हैं। वह बहू डिंपल यादव के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं और वोट मांग रहे हैं। वैसे वोट मांगने के दौरान वह ‘शिष्य’ रघुराज पर हमले भी कर रहे हैं।

चुनाव प्रचार के दौरान शिवपाल सिंह यादव ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि नेताजी की बहू ही चुनाव लड़ रही हैं। अखिलेश की पत्नी हैं, हमारी भी बहू हैं। आप ही लोग जितांएंगे। अभी 6 महीने पहले मुझे ही जिताया और 92 हजार से जिताया, ये कम नहीं है। इसके बाद शिवपाल ने रघुराज सिंह शाक्य को लेकर कहा, “अबकी बार तो बहू के खिलाफ रघुराज सिंह लड़ रहा है। शिष्य बताते हैं। शिष्य हैं तो बहू के खिलाफ लड़ना ही नहीं चाहिए था। पहले तो अगर शिष्य थे तो हमारा साथ ही नहीं छोड़ना चाहिए था। वो भी बिना बताए। शिष्य थे तो हमें बताकर जाना चाहिए था कि हम जा रहे हैं। चुपचाप चले गए। हमने टेलीफोन किया कहां हो? तो कह रहे थे हम टेस्ट करा रहे हैं। इलाज करा रहे हैं। हमने कहा कि लखनऊ में लोहिया अस्पताल में हमारा परिचित डॉक्टर है, हम कह दे रहे हैं। मैंने टेलीफोन भी किया। पता लगा ये वहां पर नहीं गए और भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली। तो अगर शिष्य होते तो छोड़कर भी नहीं जाना चाहिए था। हम कहते हैं कि शिष्य नहीं हो तुम तो चेला भी नहीं हो।”