सरकारी अस्पतालों में आग लगने पर इसे बुझाने के इंतजाम नाकाफी हैं। मेडिकल कॉलेज में ही महिला अस्पताल की तरफ लगे फायर कंट्रोल सिस्टम में अधिकांश जगहों पर होजपाइप नहीं हैं। ऐसे में सिस्टम तो काम करेगा, लेकिन बिना होजपाइप के आग वाली जगह तक पानी नहीं पहुंचाया जा सकेगा। ऐसे में आग को बुझाना मुश्किल होगा।
लखनऊ के पीजीआई में आग लगने की घटना के बाद उपमुख्यमंत्री डॉ. बृजेश पाठक ने सभी सरकारी अस्पतालों में फायर सिस्टम को चेक करने के निर्देश दिए हैं, ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो सके। मंगलवार को मेडिकल कॉलेज में फायर सिस्टम की पड़ताल की गई। इस दौरान पुरुष अस्पताल में व्यवस्थाएं ठीक मिलीं। यहां फायर कंट्रोल सिस्टम लगा है, पाइप लाइन ठीक है और बॉक्स में होजपाइप भी लगे हैं। महिला अस्पताल की इमारत में बड़ी लापरवाही सामने आई। यहां फायर कंट्रोल के लिए लोहे के पाइपों का जाल बिछाया गया है। जगह-जगह प्वांइट लगाए गए हैं, लेकिन अधिकांश जगह होजपाइप नहीं हैं। ऐसे में अगर कोई घटना होती है, तो फायर कंट्रोल सिस्टम धरा का धरा रह जाएगा।
हैंडओवर के बाद नहीं हुआ कोई ट्रायल
फायर कंट्रोल के लिए समय-समय पर कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, ताकि इमरजेंसी में काम आ सके। साथ ही ट्रायल भी होना चाहिए, लेकिन यहां न तो कोई ट्रायल हुआ और न ही किसी कर्मचारी को प्रशिक्षण दिया गया। अब लखनऊ की घटना के बाद जब शासन से सख्त आदेश आए हैं तो विभागीय अफसरों ने व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की तैयारी शुरू कर दी है।
चोरी के डर से निकाल कर रख लिए होज पाइप
मेडिकल कॉलेज के महिला अस्पताल में फायर कंट्रोल सिस्टम में लगने वाले होज पाइप अस्पताल में तो हैं, लेकिन इन्हें चोरों के डर से निकाल कर रख लिया गया है। महिला अस्पताल के कार्यवाहक सीएमएस डाॅ. राजेश ने बताया कि अस्पताल में पूर्व में चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं। इसी को देखते हुए होजपाइप निकाल कर सुरक्षित जगह पर रख लिया गया है। पाइप उपलब्ध है, संभाल कर रखा गया है, ताकि जरूरत पर उसका इस्तेमाल किया जा सके। व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए महिला अस्पताल के सीएमएस को कहा है। फायर सिस्टम को चलाने के लिए कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। –डॉ. संजीव सक्सेना, प्रभारी प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज