पीलीभीत में पत्नी की मौत के सदमे में पति ने तोड़ा दम

पीलीभीत के पूरनपुर के निजी नर्सिंग होम में प्रसव के बाद महिला की मौत के सदमे में सोमवार को उसके पति ने भी दम तोड़ दिया। दंपती का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। बेटे और पुत्रवधु को खोने के गम में बुजुर्ग मां की भी हालत बिगड़ गई। निजी अस्पताल में उनका उपचार कराया गया।

थाना सेहरामऊ उत्तरी के गांव पिपरा मुजप्ता निवासी रीता देवी को परिजनों ने शुक्रवार को सीएचसी में भर्ती कराया था। पति नन्हे लाल का आरोप था कि सीएचसी कर्मियों ने रीता को निजी अस्पताल ले जाने की सलाह दी। आशा वर्कर ने कोतवाली रोड स्थित रामा नर्सिंग होम में अच्छे इलाज का भरोसा देकर शनिवार सुबह 10.30 बजे रीता को वहां पहुंचा दिया। यहां जबरन ऑपरेशन कर दिया गया।

अत्याधिक रक्तस्राव की वजह से रीता की मौत हो गई। डॉक्टरों ने इसकी जानकारी भी नहीं दी। एक कागज पर हस्ताक्षर कराने के बाद बरेली के लिए रेफर कर दिया गया। यहां जाने पर डॉक्टर ने करीब तीन घंटे पहले ही मौत हो जाने की जानकारी दी। पोस्टमार्टम के बाद रीता का शव सोमवार को घर पहुंचा।

पत्नी का शव देख नन्हे हाल की तबीयत बिगड़ गई। परिजन उन्हें इलाज के लिए लेकर जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया। नन्हे लाल के भाई रामरतन ने बताया कि नर्सिंग होम संचालक भाई को धमका रहे थे। पत्नी की मौत के सदमे और धमकियों के चलते दहशत की वजह से उनकी मौत हो गई।

उन्होंने शव का पोस्टमार्टम भी नहीं कराया। सोमवार को एक ही चिता पर दोनों के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मुखाग्नि नन्हे लाल के भतीजे अनमोल शर्मा ने दी। नन्हे की मां गंगादेवी को निजी अस्पताल में उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।

सीओ आलोक सिंह ने बताया कि प्रसव के बाद रीता की मौत के दूसरे दिन उसके पति नन्हें लाल की मौत की जानकारी हुई। मगर नन्हें लाल के परिजन ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। प्रसूता की मौत के मामले में दर्ज रिपोर्ट में कोतवाली पुलिस ने विवेचना शुरू की गई। जांच में मिले आरोपियों को किसी कीमत पर बक्शा नहीं जाएगा।

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