पीलीभीत में वन स्टाप सेंटर पर रखी गई एक किशोरी के मामले में पुलिस पर आरोपी पक्ष की मदद और पीड़ित परिवार की अनदेखी करने का आरोप लगाया। दूसरे समुदाय के एक व्यक्ति की भूमिका का शोर मचा तो हिंदू जागरण मंच के तमाम कार्यकर्ता भी पहुंचे गए और विरोध किया। इस दौरान एक दरोगा से तीखी बहस भी कुछ कार्यकर्ताओं की हो गई। हालांकि बाद में मामला किसी तरह शांत हुआ। इस दौरान वन स्टाप सेंटर के बाहर महिला पुलिस बल मुस्तैद रहा और घंटों भीड़ जमा रही।
बताते हैं कि शहर की रहने वाली एक किशोरी को 29 जून की रात एक युवक बहला फुसलाकर ले गया। किशोरी को 10 जुलाई को थाने में पेश करके अपने पक्ष में रिलीज करने का प्रार्थना पत्र दिया गया। इसके बाद से किशोरी वन स्टाप सेंटर पर है। इस मामले में मेडिकल परीक्षण और कोर्ट में बयान कराने की कार्यवाही चल रही है। मंगलवार सुबह इस मामले में किशोरी के परिवार वालों ने तमाम आरोप लगाए।जिसके बाद हिंदू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष यशवंत सिंह, युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष आशीष लोधी, महिला विंग से वर्षा भारती, केशव वैश्य, अमित चतुर्वेदी, राजेश गंगवार, पुनीत समेत काफी कार्यकर्ता पहुंच गए।
इस दौरान आरोप था कि वन स्टाप सेंटर पर रखी गई किशोरी की फोन पर बातचीत दूसरे पक्ष से कराई जा रही है। परिजन का कहना है कि उनके द्वारा दिए गए कपड़े तो वापस करा दिए गए लेकिन दूसरे पक्ष के कपड़े और खाना मुहैया कराया जा रहा है। यह भी बताया कि लड़की की जन्मतिथि 2006 है जबकि उसे बालिग साबित करने के लिए 2005 जन्मतिथि दर्शाई जा रही है। इसे लेकर भी सवाल जवाब होते रहे। इसके अलावा एक दरोगा का लड़की के भागने में मुख्य भूमिका निभाने वाले युवक के साथ का वीडियो भी हिंजामं नेताओं के पास था।
जिसे लेकर दरोगा स्पष्ट जवाब तो नहीं दे पाए लेकिन तीखी बहस हो गई। दरोगा ने अंत में यह कहकर बचाव किया कि अगर उनसे पीड़ित परिवार संतुष्ट नहीं है तो किसी अन्य से विवेचना करा ली जाए। कार्यकर्ताओं ने परिवार की बात को रखा और पुलिस से भी स्थिति की जानकारी की। इसके बाद लड़की के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। यह भी बताया गया कि वन स्टाप सेंटर पर किसी से भी मुलाकात नहीं कराई जाएगी। जिसके बाद मामला शांत हो सका।
लड़की का प्रकरण सदर कोतवाली क्षेत्र से संबंधित है। लड़की के परिवार के पक्ष में लोग आए थे। वन स्टाप सेंटर से लड़की की किसी से बात नहीं कराई जाती है।यह आरोप पूरी तरह से गलत थे। लड़कियों को चेकिंग के बाद ही रखा जाता है। प्रतिदिन खुद चेकिंग करने के लिए जाती हूं। परिजन और हिंजामं के लोगों को बातचीत कर स्थिति से अवगत करा दिया गया था