थाना अमरिया क्षेत्र के गांव बिरहैनी निवासी मलकीत सिंह ने थाना अमरिया पुलिस को तहरीर दी। इसमें कहा गया कि उनका भांजा सुखवंत सिंह अमेरिका में रहता है। जनवरी के पहले सप्ताह में उनके मोबाइल पर कॉल आई और खुद को उसका भांजा बताया गया।
भांजा बताने वाले युवक ने कहा कि उसे भारत में कुछ धनराशि जमा करनी है। इसके लिए उसके बैंक खाते से जुड़ी जानकारी मांगी गई। काफी अनुरोध किए जाने पर पीड़ित ने सितारगंज में संचालित बैंक ऑफ बड़ौदा का खाता नंबर दे दिया। कुछ देर बाद उसने बताया कि पीड़ित के खाते में 17.80 लाख रुपये जमा कर दिए हैं। एक रसीद भी भेजी बताया कि एक दो दिन में धनराशि पहुंच जाएगी, फिर कहा कि एक रिश्तेदार गुरुचरन सिंह दिल्ली के अस्पताल में भर्ती है। उन्हें रुपयों की जरूरत है, वह जितने रुपये कहें उतने ट्रांसफर कर दीजिएगा। इसके बाद एक अन्य नंबर से कॉल आई और फोन पर खुद को गुरुचरन सिंह बताया गया।
चूंकि 17.80 लाख रुपये की रसीद भेजी जा चुकी थी, तो लगा कि रुपये डाल दिए गए होंगे। इस वजह से पीड़ित ने गुरुचरन के बताए खाते में 11 जनवरी को 4.50 लाख रुपये जमा कर दिए। कई दिन बाद भी जब खाते में रुपये नहीं आए तो युवक ने अपने भांजे से दूरभाष पर वार्ता की। तब जाकर पता चला कि उसने तो पूर्व में कोई कॉल ही नहीं की।
जिस खाते में रुपये जमा किए गए, वह भी विकास कुमार नाम से संचालित हो रहा था। एसपी के आदेश पर थाना अमरिया पुलिस ने दो आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत और आईटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की है।