कलीनगर के माधोटांडा कस्बे के एक निजी अस्पताल में महिला ने एक विचित्र बच्चे को जन्म दिया। बच्चे का नीचे का शरीर मछली के आकार जैसा था। एक घंटे बाद ही उसकी मौत हो गई। परिजन ने नवजात के शव को सुपुर्द ए खाक कर दिया। उधर, स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने बताया कि ऐसे नवजात का जन्म जींस में दिक्कतों की वजह से होता है। इन्हें ही जन्मजात विकृतियां कहा जाता है। ऐसे बच्चों के जिंदा रहने के आसार बहुत कम होते हैं।
माधोटांडा कस्बा के ग्रामीण ने बताया कि शुक्रवार को प्रसव पीड़ा के बाद पत्नी को कस्बे के एक अस्पताल में भर्ती कराया। सामान्य प्रसव के बाद एक नवजात का जन्म सुबह 9:20 बजे हुआ। उसके चेहरे से लेकर पेट तक की आकृति सामान्य थी, लेकिन कमर से नीचे का हिस्सा मछली की आकृति जैसा का था। दोनों पैर आपस में जुड़े थे, पेशाब की जगह भी नहीं थी। एक घंटे तक जीवित रहने के बाद नवजात ने करीब 10:30 बजे दम तोड़ दिया। नवजात बेटा था या बेटी, इसके लेकर असमंजस है। हालांकि चिकित्सक नवजात के बच्ची होने की संभावना जता रहे हैं। नवजात का वजन दो किलो था। उधर, महिला की हालत सामान्य है। कुछ देर बाद उसे घर भेज दिया गया। जानकारी होने पर बच्ची को देखने के लिए लोग अस्पताल पहुंचे।
क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ
मछली आकार के बच्चे को लेकर फिजिशियन डॉ रमाकांत सागर का कहना है कि ऐसा जींस की समस्या के कारण होता है, जो महिला या पुरुष दोनों में हो सकती है। जिस वजह से नवजात का शरीर सरवाइव नहीं कर पाता। पूर्व में कई मामले ऐसे सामने आए थे, जिनमें नवजात का सिर या रीढ़ की हड्डी नहीं बनी थी। उन्होंने बताया कि मशीनों से निकलने वाली रेडिएशन के दुष्प्रभाव भी इसका कारण बनते हैं।
गजरौला क्षेत्र में भी जन्मा था ऐसा ही एक बच्चा
पीलीभीत। गजरौला थाना क्षेत्र के गांव बुढ़िया जमा इटौरिया में भी सितंबर, 2023 में एक महिला ने ऐसे ही एक बच्चे को जन्म पीएचसी, गजरौला में दिया था। उस बच्चे के हाथ-पैर थे। नीचे का धड़ उसका भी मछली की भांति था। वजन दो किलो 600 ग्राम था, जोकि पर्याप्त था। हालांकि बच्चे की मृत्यु जन्म के मात्र चार घंटे बाद ही हो गई थी।