फर्रुखाबाद, 2 फरवरी 2023 मोहल्ला हरभगत निवासी अखिलेश अग्निहोत्री, 45 वर्ष ने बताया कि जब मैं लगभग 17 वर्ष का था तो गुटखा खाने लत लग गई। हर दिन ज्यादा से ज्यादा गुटखा खाने की धुन ऐसी लगी कि यह मेरी दिनचर्या का हिस्सा हो गया। कुछ ही दिन बाद मेरे मुंह में छाले पड़ गए और दांत में दर्द भी होने लगा। कुछ दिन दवा भी खाई लेकिन आराम नहीं मिला। दिसंबर 2020 में रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज के कैंसर विभाग में मेरी वायोप्सी हुई। जांच होने पर कैंसर की पुष्टि हुई तो पैरों तले जमीन खिसक गईl फिर 18 जनवरी 2021 को एम्स, दिल्ली में मेरा आपरेशन हुआ। इसके बाद मार्च से लगातार कुछ दिन छोड़कर 30 कीमोथैरपी की गईl अब मैं बिल्कुल स्वस्थ हूं। अभी भी हर दो तीन माह के अन्तराल पर मेरी जांच की जाती है l अखिलेश कहते हैं कि हालांकि मैं अब ठीक हूं लेकिन इस बीमारी ने मेरी सारी जमा पूंजी खर्च करा दी।
यह कहानी सिर्फ अखिलेश की नहीं बल्कि कई जनपदवासियों की हैं कि जो लापरवाही में कैंसर का शिकार हो गए।
गैर संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ दलवीर सिंह ने बताया कि शरीर में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि से कैंसर जन्म लेता है। यह कोशिकाएं तेजी से फैलते हुए शरीर के कई हिस्सों को नुकसान पहुंचाती हैं। इससे शरीर में ट्यूमर (गांठ) बनता है। यह गांठ ही कैंसर होते हैं। कैंसर किसी भी आयु वर्ग के लोगों को हो सकता है।
डॉ सिंह ने बताया कि मुंह का कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर, त्वचा कैंसर, फेफड़े का कैंसर, कोलोन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, लिंफोमा सहित सौ से अधिक प्रकार के कैंसर होते हैं । इन सभी कैंसर के लक्षण और जांच एक-दूसरे से भिन्न होते हैं। कैंसर का इलाज मुख्य रूप से कीमोथेरेपी, रेडिएशन और सर्जरी के जरिए किया जाता है। उन्होंने बताया कि कैंसर के सामान्य लक्षण वजन में कमी, बुखार, भूख में कमी, हड्डियों में दर्द, खांसी एवं मुंह से खून का आना, स्तन में सूजन आदि हैं। ऐसी कोई भी परेशानी दिखाई देने पर लोगों को तत्काल नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
डॉ सिंह ने बताया कि कैंसर के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इसी क्रम में विश्व कैंसर दिवस पर सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और सिविल अस्पताल लिंजीगंज में लोगों को जागरूक किया जाएगा।