फर्रुखाबाद :कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के बारे में समुदाय में जागरूकता लाने के लिए ही हर साल चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है| इस वर्ष इस दिवस की थीम “क्लोज द केयर गैप” है, यह थीम वर्ष 2024 तक के लिए तय की गई है | कैंसर का नाम सुनते ही लोग अनहोनी के बारे में चिंतित हो जाते हैं, लेकिन अगर समय से इसका पता लग जाये तो इलाज संभव है | यह कहना है गैर संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ दलवीर सिंह का |
डॉ सिंह ने बताया कि कैंसर के सामान्य लक्षण वजन में कमी, बुखार, भूख में कमी, हड्डियों में दर्द, खांसी एवं मुंह से खून का आना, स्तन में सूजन आदि हैं | ऐसी किसी तरह की परेशानी दिखाई देने पर लोगों को जल्द से जल्द नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
डॉ सिंह ने कहा कि विश्व कैंसर दिवस पर सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों , हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और सिविल अस्पताल लिंजीगंज में कैंसर के बारे में लोगों को जागरूक किया जायेगा |
डॉ सिंह ने कहा कि शरीर में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि से कैंसर जन्म लेता है | यह कोशिकाएं तेजी से फैलते हुए शरीर के कई हिस्सों को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे शरीर में ट्यूमर (गांठ) बनता है| यह गाँठ ही कैंसर होते हैं| कैंसर किसी भी आयु वर्ग के लोगों को हो सकता है |
कैंसर के प्रति आज भी लोगों में तरह-तरह की गलत भ्रांतियाँ हैं | इसे दूर करने और कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ही विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है|
डॉ सिंह ने बताया कि स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर, त्वचा कैंसर, फेफड़े का कैंसर, कोलोन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, लिंफोमा सहित सौ से अधिक प्रकार के कैंसर होते हैं । इन सभी कैंसर के लक्षण और जांच एक-दूसरे से भिन्न होते हैं। कैंसर का इलाज मुख्य रूप से कीमोथेरेपी, रेडिएशन और सर्जरी द्वारा किया जाता है।
मोहल्ला खड्याई के रहने वाले वरुण ने वर्ष 2021 में कैंसर से पीड़ित अपने पिता को खोया है | उनका कहना है कि उनके पिता के मुहँ में कैंसर हो गया था | वाराणसी के अस्पताल में इलाज कराया जहाँ पर उनके मुहँ का आपरेशन किया गया, कुछ दिनों तक लगा कि अब सब सही हो गया है लेकिन शुगर की बीमारी होने की वजह से उनको बचाया न जा सका | इससे पूरा परिवार पूरी तरह से टूट गया |
वरुण कहते हैं कि अगर किसी में भी कैंसर के लक्षण दिखाई दें तो देर न करें कैंसर का इलाज किया जा सकता है अगर समय रहते पता चल जाए | इसलिए लोग जागरूक बनें ताकि जिन परेशानियों से उनका परिवार गुजरा वैसी दिक्कत किसी और को न झेलनी पड़े |