फर्रुखाबाद:विकास ने डॉ राम मनोहर लोहिया पुरुष अस्पताल में कराई नसबंदी, पुरुष नसबंदी पूरी तरह से सुरक्षित प्रक्रिया-डॉ. आरसी माथुर

फर्रुखाबाद,(द दस्तक 24 न्यूज़) 17 फरवरी 2025 जितना बढ़ा परिवार उतने ही खर्चे अपार न बच्चों का सही से लालन पालन न ही अच्छी पढ़ाई और अगर कोई बीमारी लग गई तो हो गया काम सारे जीवन की गाढ़ी कमाई उसमें चली जाती है, और एक बार महिला के सामान्य प्रसव अगर निजी चिकित्सालय में कराया तो कम से कम बीस हज़ार रुपए और आपरेशन हुआ तो लगभग पचास हजार रुपए रख लो एक सामान्य नौकरी करने वाला या मजदूरी करने वाला यह कैसे वहन कर सकता है यह कहना है फर्रुखाबाद के रहने वाले विकास का।

 विकास ने बताया यही सोचकर एक दिन मैंने अपनी पत्नी से कहा कि अपने दो बच्चे हैं और अब बच्चे नहीं चाहिए इन बार बार की परेशानी से अच्छा है कि नसबंदी करा ली जाए तो पहले तो मेरी पत्नी ने मना किया तो मैंने यूपीएचसी भोलेपुर में काम करने वाली आशा सपना कटियार से बात की और अपनी पत्नी से भी कराई। सपना ने मेरी बात पुरुष नसबंदी स्पेसलिस्ट डॉ आर सी माथुर से कराई तब जाकर मुझे और मेरी पत्नी को अच्छा लगा। और मैंने आज अपनी नसबंदी करा ली।

परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ दलवीर सिंह ने बताया कि जब बात परिवार नियोजन की आती है तो हमेशा से ही महिलाओं को इसके लिए जिम्मेदार बना दिया जाता है। दरअसल अधिकतर पुरुष सोचते हैं कि नसबंदी कराने से उनकी ताकत कम हो जाएगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं है।

एसीएमओ ने बताया कि एक महिला जब बच्चे को जन्म देती है तो यह उसका दूसरा जन्म होता है l

एसीएमओ ने बताया इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 11 पुरुष नसबंदी हो पाई हैं, जबकि अप्रैल से अब तक लगभग  1548 महिला नसबंदी हो चुकी हैं।

उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी और एनएसवी स्पेशलिस्ट डॉ आर सी माथुर जी का कहना है कि नसबंदी में शुक्राणु वाहिनी नलिकाओं को बाँध दिया जाता है जिससे शुक्राणु शरीर से बाहर नहीं जा पाते हैं। यह  शरीर में ही घुलकर रह जाते हैं | इस प्रकार शरीर के स्वस्थ रहने में भी सहायक होते हैं  |

डॉ माथुर का कहना है पुरुष नसबंदी पूरी तरह से सुरक्षित प्रक्रिया है। नसबंदी के बाद एक दो दिन का आराम बहुत जरुरी होता है |अधिकतर पुरुष दो तीन दिन बाद काम पर जा सकते हैं। सामान्य शारीरिक गतिविधि जैसे भागना, वजन उठाना, साईकिल चलाना आदि काम एक सप्ताह रुक कर शुरू किये जा सकते हैं।

जिला परिवार नियोजन परामर्शदाता विनोद कुमार ने बताया कि मिशन परिवार विकास कार्यक्रम के तहत आने वाले जिलों में नसबंदी अपनाने वाले पुरुषों को प्रोत्साहन राशि के रुप में 3,000 रुपये और महिलाओं को 2,000 रूपये दिए जाते हैं ।  नसबंदी के लिए दंपति को अस्पताल लाने वाली आशा कार्यकर्ता  को पुरुष नसबंदी पर 400 रुपये और महिला नसबंदी पर 300 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। पीपीआईयूसीडी लगवाने वाली महिला को 300 रूपए और सेवा प्रदाता को 150 रूपए की धनराशि दी जाती है। अंतरा इंजेक्शन अपनाने वाली महिलाओं को 100 रुपये की राशि दी जाती है। वहीं इन महिलाओं को लाने वाली आशा कार्यकर्ता को 100 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

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