फर्रुखाबाद: जनपद के सुप्रसिद्ध साहित्यकार विजय कुशवाहा की विश्व में पहली बार अप्रतिम खोज नवीन ज्यामितीय लिपि एवं नवीन अंकों पर लिखी गई पुस्तक डिस्कवरी ऑफ न्यू राइटिंग सिस्टम एंड न्यू अंकों का प्रकाशन भी संपन्न हो गया है। बताते चलें इस लिपि के विकास की बात विजय कुशवाहा के जेहन में 1981 में उनके कालेज के जमाने में आया था। मगर इस लिपि को विकसित करने में सफलता उन्होंने 2022 में प्राप्त की। जबकि 2012 में उन्हें ब्रेन अटैक हुआ था और तभी से वे पैरालाइज्ड भी हैं। लेकिन उनके हौसलों में कोई कमी नहीं आई। 2018 से वे साहित्यिक लेखन में आये और अब तक वे बाइस साहित्यिक पुस्तकें प्रकाशित करा चुके हैं। 2023 में विजय कुशवाहा ने नवीन ज्यामितीय लिपि एवं अंकों पर पुस्तक भी लिखी जोकि अब प्रकाशित भी हो चुकी है। चूंकि विजय कुशवाहा पैरालाइज्ड लेकिन इस अन्वेषण इन्होंने विश्व रिकॉर्ड का अवार्ड भी प्राप्त कर लिया है। जबकि अन्य बहुत सारे साहित्यिक अवार्ड्स यह पहले ही प्राप्त कर चुके हैं।
विजय कुशवाहा अपनी इस खोज को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री एवं गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स तक भी ले जाने का विचार रखते हैं। खुशी की लहर है।
नई लेख प्रणाली एवं अंकों की खोज : इस कार्य में इनके सुपुत्र विवेक कुशवाहा का कंप्यूटर डिजाइन आदि में काफी सहयोग रहा। इस सफलता पर इनके परिवारी जन एवं मित्रों में खुशी की लहर है।