फर्रुखाबाद:टीकाकरण मतलब जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा

फर्रुखाबाद, 20 अप्रैल 2023 बच्चों की सेहत के लिए टीकाकरण कितना जरूरी है यह तो तब पता चलता है जब कोई बच्चा गम्भीर रूप से बीमार होकर टीबी, पोलियो , डिफ्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, मिजिल्स रूबैला, रोटा वायरस, निमोनिया, हेपेटाइटिस बी जैसी जानलेवा बीमारी के चक्कर में पड़ जाता है तब माता पिता को टीकाकरण की अहमियत पता चलती है l
इसी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर शहर के एक होटल में जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर पर तैनात समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को अन्य बीमारियों के इलाज के साथ ही नियमित टीकाकरण में भी अपनी भूमिका निभानी होगी इसी को लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षण का गुरूवार को समापन हुआ l इस दौरान दो दिवस में 72 सी एच ओ को प्रशिक्षण दिया गया l इससे पहले मार्च में 34 सी एच ओ को प्रशिक्षण दिया जा चुका है l
इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनींद्र कुमार ने कहा कि बच्चे के गर्भ में आने से लेकर जब तक पांच वर्ष का नहीं हो जाता है उसको जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है l
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ प्रभात वर्मा ने बताया कि महिला को गर्भ धारण करने के बाद जैसे ही पता चलता है की वह गर्भवती है उसको टीडी का टीका लगाया जाता है| यह माँ और बच्चे को टिटनेस और डिप्थीरिया से बचाता है इसके बाद दूसरा टीका एक माह बाद लगता है |
डीआईओ ने बताया कि जन्म के तुरंत बाद बच्चे को पोलियो की खुराक के साथ ही टीबी से बचने के लिए बीसीजी का टीका, हेपेटाईटिस बी का टीका, इसके बाद डेढ़, ढाई और साढ़े तीन माह पर पोलियो की खुराक, पेंटा का टीका, रोटा वायरस से बचाने के लिए रोटा का टीका और बच्चों को निमोनियां से बचाने के लिए पीसीवी का टीका दिया जाता है | इसके बाद नौ माह पर खसरा और रुबेला का टीका के साथ ही बच्चों को रतौंधी रोग न हो और बच्चों की आँखों की रोशनी अच्छी हो, इसके लिए विटामिन ए की खुराक भी दी जाती है | 16 से 24 माह के बीच डीपीटी बूस्टर, पोलियो की खुराक, खसरा और रुबेला के टीके के साथ ही विटामिन ए की खुराक दी जाती है | इस बारे में आप सभी को सही से जानकारी होनी चाहिए जिससे किस बच्चे को कब कौन सा टीका लगना है उसकी इंट्री पोर्टल पर कैसे अपडेट करनी है यह जानना आपके लिए बहुत जरूरी है l

डीआईओ ने बताया कि पांच तरह की बीमारियों लकवा, खसरा, गलघोटू, कालीखांसी, टिटनेस जैसी बीमारियों पर सीएचओ को आज के प्रशिक्षण में जानकारी दी गई l साथ ही कहा कि ऐसे मरीज मिलने पर तत्काल उनकी रिपोर्ट जिला स्तर पर दें l
​विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ जॉन ने प्रशिक्षण देते हुए कहा कि बच्चे के उज्ज्वल भविष्य के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है l अगर बच्चा पूर्ण रूप से प्रतिरक्षित है तो वह जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित रहता है और रोज रोज डॉक्टर के पास जाने से बचा रहता है l
डॉ जॉन ने कहा कि आप सभी को यह जानना जरूरी है कि बच्चे को कब कौन सी बीमारी का टीका कितनी मात्रा में लगना है साथ ही बच्चे के माता पिता को टीकाकरण के दौरान क्या सन्देश देना है यह बहुत जरूरी है l
हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर बरा केशव में सी एच ओ के पद पर तैनात जितेंद्र यादव ने कहा कि आज के प्रशिक्षण से हमें जानकारी मिली है किस तरह से छोटे बच्चों का टीकाकरण करना और छूटे हुए बच्चे जो टीका लगवाने से मना करते हैं उनको किस तरह से टीके के बारे में जानकारी देकर बच्चे को प्रतिरक्षित कर इ कवच पोर्टल पर अंकित करना है l

इस दौरान जिला मलेरिया अधिकारी डॉ आर सी माथुर, यूएनडीपी से मानव शर्मा, यूनिसेफ से डीएमसी अनुराग दीक्षित, विश्व स्वास्थ्य संगठन से मॉनिटर उदय प्रताप, धर्मेंद्र सिंह सहित सी एच ओ मौजूद रहे l