फर्रुखाबाद भारतीय फौज के द्वारा दुश्मनों के छक्के छुड़ा कर बहादुरी की जो गाथा रची जाती है वह इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखी जाती है
शहर के सेंट्रल जेल चौराहा के पास रहने वाले शहीद मलेटरी सिंह 26 दिसंबर 1984 को रीमाउंट वेटरनरी कोर सेंटर मेरठ में डॉग यूनिट के पद पर तैनात हुए थे
ऑपरेशन रक्षक के दौरान उनकी कंपनी को जम्मू कश्मीर के जिला डोडा में दुश्मनों की तोह व रास्तों पर बिछाए गए बमों की जानकारी के लिए तैनात किया गया था ऑपरेशन रक्षक के तहत हुई कार्यवाही में दुश्मन की तोह लेते समय मलेटरी सिंह गोलियों का शिकार हो गए l
13 फरवरी 1999 को अपनी बहादुरी के जौहर दिखाते हुए दुश्मन की गोली का शिकार हुआ यह भारत माता का सपूत उनकी आन बान और शान के लिए तथा उनकी रक्षा करते हुए संसार से हमेशा हमेशा के लिए बलिदान हो गया l
भारत सरकार ने उनके अदम्य साहस और बहादुरी को देखते हुए सेना मेडल (मरणोपरांत )से सम्मानित किया था यह अवार्ड रक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अदम्य साहस एवं असाधारण कार्य के लिए दिया जाता है शहीद मलेटरी सिंह अपने पीछे पत्नी गीता देवी एवं मासूम 7 पुत्र -पुत्रियों को छोड़ गया था उस समय शहीद का सबसे छोटा पुत्र मात्र 1 महीने का था उस समय शहीद के छोटे बच्चों को देखते हुए सरकार ने शहीद की पत्नी गीता देवी को पेट्रोल पंप आवंटन नहीं किया था तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल पंकज जोशी ने बच्चों के बड़े हो जाने के बाद पेट्रोल पंप दिलाए जाने का भरोसा दिया था बाद में शहीद की पत्नी गीता देवी अपने बच्चों के साथ हाजिरी देते देते थक गई हैं 13 अप्रैल 2015 को शहर की आवास विकास में तत्कालीन राज्यपाल राज्यपाल राम नाईक से भी मुलाकात हो चुकी है और उनसे भी मिलने के बाद मायूसी हाथ लगी lआगे देखने की बात होगी क्या शहीद मलेटरी सिंह के परिवार को किया वादा पूरा होगा? आज शहीद मलेटरी सिंह की पुण्यतिथि पर उनके आवास पर पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, सदर से कांग्रेस प्रत्याशी लुइस खुर्शीद, आम आदमी पार्टी प्रत्याशी नीरज प्रताप शाक्य, बसपा प्रत्याशी विजय कटियार शहीद मलेटरी सिंह की पत्नी गीता देवी,पुत्र सुधीर, सुशील एवं अन्य लोगों ने उनके चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित कीl