फर्रुखाबाद : आवारा गौवंश लंपी महामारी को दे रहे न्योता ,प्रशासन है मौन ।


फर्रुखाबाद में जगह-जगह सड़कों पर निराश्रित आवारा गोवंश और पशु घूमते दिखाई दे जाते हैं । झुंड में इनकी तादाद तकरीबन 100 तक होती है । जो सड़क पर और सड़क के किनारे दिखाई देते हैं लेकिन फर्रुखाबाद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और जिला प्रशासन ,नगर पालिका चुप्पी साधे बैठा है । फर्रुखाबाद में आवारा गाय और पशु सड़कों पर घूमते नजर आ रहे हैं । जो घातक लंपी बीमारी को दावत दे रहे हैं । आवारा पशुओं के बढ़ने के कारण लंपी बीमारी पालतू पशुओं के लिए भी खतरा बन सकती है । नगर पालिका फर्रुखाबाद और जिला प्रशासन इस तरफ कोई विशेष ध्यान नहीं दे रहा है । अभी कुछ समय पहले ही उपमुख्यमंत्री भ्रमण करके गए हैं लेकिन उनके आने का भी डर प्रशासन और नगर पालिका तथा पशु चिकित्सा विभाग के अंदर दिखाई नहीं दिया है । आज तक आवारा पशुओं के लिए किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई नहीं गई है । जहां गोवंशों के लिए सरकार अपनी प्रतिबद्धता दिखाती है ,वहीं जिला फर्रुखाबाद में यह सभी सरकार के वादे झूठे साबित होते दिखाई दे रहे हैं । कई अधिकारी और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी तथा जिला प्रशासन सड़कों से गुजर जाते हैं, लेकिन उनका आवारा पशुओं और गायों की तरफ कोई ध्यान नहीं जाता है । सभी प्रशासनिक अधिकारी इसके निवारण के लिए एक दूसरे का इंतजार करते रहते हैं । अब देखना यह है कि जिला फर्रुखाबाद में घूम रहे आवारा गोवंश और पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है और जिला प्रशासन और पशु चिकित्सा अधिकारी इसका संज्ञान कब तक लेंगे । कही ऐसा न हो कि लंपी महामारी जिला फर्रुखाबाद में भी अपने पैर पसार ले । अभी तक ना ही इससे बचने के किसी प्रकार के कोई उपाय हैं और ना ही तैयारियां दिखाई देती हैं । अभी कुछ समय पहले कायमगंज फर्रुखाबाद रोड पर पशु बाजार लगा हुआ था । जबकि अन्य राज्यों ने पशु बाजार लगाने पर रोक लगाई हुई है । अब देखना यह है फर्रुखाबाद प्रशासन की आंखें कब खुलती हैं जो इस पशु महामारी लंपी से निबटने के लिए तैयारियां करेगी । मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और फर्रुखाबाद प्रशासन की उदासीनता देखते हुए यह लगता है कि जिला फर्रुखाबाद में पशुओं की महामारी जल्द ही विकराल रूप ले लेगी ।