फर्रुखाबाद:सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों की शहादत दिवस को भाजपा जिला मुख्यालय पर वीर बाल दिवस के रूप में मनाया

फर्रुखाबाद,आज 26 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार को सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों की शहादत दिवस को भाजपा जिला मुख्यालय पर वीर बाल दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर बौद्धिक जिला संगोष्ठी आयोजित हुई जिसमें सिख समाज से गणमान्य लोग उपस्थित हुए। जिसमें मुख्य अतिथि जिला संगठन प्रभारी क्षेत्रीय उपाध्यक्ष शिव महेश दुबे ने संबोधन दिया एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता गुरुद्वारे के प्रधान सरदार सूर्य प्रताप सिंह ने की। 

  मुख्य अतिथि जिला संगठन प्रभारी क्षेत्रीय उपाध्यक्ष शिव महेश दुबे ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवाहन पर सिखों के दसवें गुरु गोविंद साहब के चार साहिबजादों की शहादत दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। भारत का इतिहास वीर बलिदानियों से भरा हुआ है सिख समाज के दसवें गुरु गोविंद सिंह के छोटे बच्चों ने अपने देश और धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे यह अवसर उन बच्चों की शहादत को याद करने का है। जिन्होंने जुल्म और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाकर अपने धर्म की रक्षा के लिए इस्लाम को कबूलना स्वीकार नहीं किया बल्कि खुद को बलिदान कर दिया। कोई भी धर्म हिंसा की शिक्षा नहीं देता है। पूर्ववती सरकारों ने इतिहास को भुलाने का कार्य किया। कांग्रेस पार्टी ने इतिहास सिर्फ एक परिवार तक सीमित रखा। उन बच्चों की शहादत को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर को राष्ट्रीय वीर बाल दिवस घोषित करने का कार्य किया जो कि एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन साहिबजादों के बलिदान को कभी बुलाया नहीं जा सकता है।

    ज्ञानी गुरु बलवंत सिंह ने कहा गुरु नानक देव ने समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ यात्राएं करके लोगों को जागरूक किया उन्होंने कहा था मातृशक्ति वह शक्ति है जिसकी कोख से सभी जन्म लेते हैं हमें ऐसी मातृ शक्ति का सम्मान करना चाहिए। भारत बलिदानियों की धरती है जहां राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए वीर नवयुवकों ने अपना जीवन कुर्बान कर दिया। विदेशी आक्रांताओं के जुल्म और हिंसा के खिलाफ सिख धर्म गुरुओं ने आवाज बुलंद की।

  भाजपा जिला अध्यक्ष रूपेश गुप्ता ने कहा वीर बाल दिवस उन शहीदों को याद करने का दिन है जिन्होंने राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान दे दिया। आज सभी उनके बलिदान को याद कर रहे हैं और प्रेरणा ले रहे हैं वीर बाल दिवस के रूप में एक नए अध्याय का आरंभ हुआ है यह भारतीयता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने का प्रतीक है यह हमें याद दिलाता है शौर्य की पराकाष्ठा के समय कम आयु मायने नहीं रखती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच से देश नई रहा की ओर जा रहा है जहां हमारे देश के इतिहास को नई पीढ़ी के सामने रखा जा रहा है उन साहिबजादों के शौर्य की गाथा को जानने का अवसर है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों ने इतिहास से छेड़छाड़ की जिसके कारण उन वीर साहिबजादों की शौर्य गाथा इतिहास के पन्नों में गुम हो गई थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके शौर्य गाथा को भूलने नहीं दिया और ऐसे अवसर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया जनपद के सभी मंडलों में इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया है।

   इस बौद्धिक जिला संगोष्ठी का संचालन महिला मोर्चा की पूर्व जिला अध्यक्ष चित्रा अग्निहोत्री ने किया। इस अवसर पर ज्ञानी गुरमुख सिंह एवं रानी सचदेवा ने विचार व्यक्त किया।

इस अवसर पर डीएन डिग्री कॉलेज पूर्व प्राचार्य के केएन सचदेवा, हरविंदर सिंह सलूजा, गुरविंदर सिंह छाबड़ा, गुरविंदर सिंह लांबा, देवेंद्र कौर, रूमी छाबड़ा, आरपी मिश्रा, गगन चतुर्वेदी,जिला मीडिया प्रभारी शिवांग रस्तोगी,कार्यक्रम संयोजक जिला उपाध्यक्ष ममता सक्सेना,महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष बबीता पाठक,युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष मयंक सिंह बुंदेला, पिछड़ा मोर्चा जिला महामंत्री कृष्ण मुरारी राजपूत अंकित तिवारी आदि लोग मौजूद रहे।