फर्रुखाबाद :तहसील रिपोर्टर रामबरन शाक्य :तस्वीर में जो शिक्षामित्र हैं, उनके कंधे पर भविष्य को सँवारने की जिम्मेदारी है। लेकिन पता नहीं क्या… इनकी घरेलू समस्याएं इनको सोने नहीं देती, या फिर इनमें निशायाम आचरति वाले गुण हैं…जो यह अपनी नींद विद्यालय समय में पूरी करते हैं। ऐसे में देश का भविष्य क्या सँवरेगा, यह बताने की जरूरत नहीं है।
माना कि शिक्षामित्रों को जो पारिश्रमिक मिलना चाहिए, वह नहीं मिल रहा है। जो मिल रहा है, उससे परिवार का भरण-पोषण सम्भव नहीं है। लेकिन कर्तव्य तो फिर कर्तव्य होता है। जो रास्ता इन्होंने चुना है वह इनकी अपनी मंशा थी। अब कर्तव्य का निर्वहन तो करना चाहिए। नवाबगंज विकास खण्ड के प्राथमिक विद्यालय नगला मना में तैनात शिक्षामित्र योगेन्द्र सिंह यादव की यह तस्वीर है। इस प्राथमिक विद्यालय में आए दिन सप्ताह में एमडीएम दो या तीन बार बनता है कुछ ग्रामीण लोगों ने पत्रकारों को सूचना दी खबर मिलने पर पहुंचे पत्रकारों ने देखा तो शिक्षामित्र योगेंद्र सिंह यादव बाकायदा पैरों को ऊपर रखे कुर्सी पर बैठे सो रहे थे। ऐसा महसूस हो रहा था मानो कि अपने घर की चौपाल पर बैठकर खर्राटे भर रहे हों। एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार शिक्षा पर एड़ी चोटी की दम लगाए हुए है कि हमारा प्रदेश शिक्षित बने वहीं दूसरी तरफ अध्यापक बच्चों के साथ खिलवाड़ करते नजर आ रहे हैं। शिक्षा देने की जगह पर चैन की नींद लेते दिखाई दे रहे हैं। ऐसे लोगों पर आखिरकार कौन मेहरबान है…? वहीं शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों ने बताया कि मीनू के आधार पर मध्याह्न भोजन नहीं दिया जाता है। बुधवार को मीनू के आधार पर बच्चों को दूध दिया जाता है, लेकिन दूध का अता-पता नहीं था। बच्चों ने जानकारी देते हुए बताया यहां पर कभी कभी एमडीएम बनता है और दूध कभी नहीं पिलाया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां प्रतिदिन बच्चों को तहरी परोसी जाती है।