फर्रुखाबाद : विश्व लीवर दिवस पर विशेष (19 अप्रैल ) फास्टफूड से बनायें दूरी, लीवर सिरोसिस से बचें-डॉ ऋषिनाथ

फर्रुखाबाद: यकृत (लीवर) का दुश्मन सिर्फ शराब नहीं है, खराब जीवनशैली और जंक फूड भी इसका एक प्रमुख कारण है। यह कहना है गैर संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ दलवीर सिंह का।
डॉ सिंह ने बताया कि लीवर शरीर का वर्क हाउस है। यह भोजन में मौजूद वसा और कार्बोहाइड्रेट को सुपाच्य बनाता है। यह नेचुरल फिल्टर है, जो विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
डॉ सिंह ने बताया कि शरीर के लिए उपयोगी प्रोटीन इसी लीवर में बनता है और पाचन के लिए उपयोगी पित्त का स्राव भी लीवर में ही होता है। लीवर एक साथ कई काम करता है, इसलिए इसमें गड़बड़ी आने पर कई परेशानियां खड़ी हो जाती हैं। गौरतलब है कि 19 अप्रैल को विश्व लीवर दिवस मनाया जाता है।
सिविल अस्पताल लिंजीगंज में तैनात मेडिकल आफीसर डॉ ऋषि नाथ गुप्ता ने बताया कि फास्ट फूड जैसे फ्रेंच फ्राइज, बर्गर, पिज्जा आदि फ्राइड होते हैं और इनमें नमक और सैचुरेटेड फैट की मात्रा भी काफी अधिक होती है। इन चीजों का अधिक सेवन करने से लीवर सिरोसिस की समस्या हो सकती है। इसके अलावा जंक फूड में इस्तेमाल होने वाला हैवी फैट और अन्य रसायन लीवर को बुरी तरह नुकसान पहुंचाते हैं।
डॉ ऋषि ने बताया कि मीट में प्रोटीन मौजूद होने के साथ-साथ इसे पचाना भी काफी मुश्किल होता है। मीट का सेवन करने से लीवर में प्रोटीन जमा होकर लीवर खराब होने का खतरा बना रहता है। पर्याप्त कार्बोहाइड्रेट के बिना प्रोटीन का अधिक सेवन लीवर से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा सकता है इसलिए मीट और अंडे के साथ हरी सब्ज़ियां और स्टार्च भी भरपूर मात्रा में ग्रहण करना चाहिए।

डॉ ऋषि ने बताया कि सोडा और सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन करना भी आपके लीवर के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इस तरह की ड्रिंक्स मोटापा और शरीर में चर्बी बढ़ाती हैं, जो स्टोरिंग सेल से बाहर आकर लीवर में जमा होने लगता है। जिससे लीवर डैमेज होने लगता है। इतना ही नहीं, लीवर के फैटी होने से हृदय रोग और कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।
डॉ ऋषि ने बताया कि शराब का अधिक सेवन करने से लीवर की कोशिकाएं डैमेज हो सकती हैं। आवश्यकता से अधिक शराब का सेवन करने से लीवर की कार्यक्षमता घटती है और यह शरीर से सही ढंग से टॉक्सिन्स निकालने में असमर्थ हो जाता है। हाल ही में हुए अध्ययनों से यह सिद्ध हुआ है कि दिनभर में तीन या उससे अधिक ग्लास शराब का सेवन करने से लिवर कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
डॉ ऋषि ने बताया कि अत्यधिक चिकनाई युक्त भोजन करने से 20 प्रतिशत लोगों को फैटी लीवर , शराब का सेवन करने से 10 प्रतिशत लोगों में अल्कोहलिक फैटी लीवर, साथ ही 0.01 प्रतिशत लोगों में लीवर कैंसर और फ़ास्ट फ़ूड का सेवन करने के साथ ही शराब का सेवन करने वाले 1 प्रतिशत लोगों को लीवर सिरोसिस की शिकायत हो सकती है |
डॉ ऋषि नाथ ने बताया कि लीवर की जाँच डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में होती है जिसको लीवर फंकशन टेस्ट के नाम से जाना जाता है इसके अलावा अल्ट्रासाउंड से भी लीवर सम्बन्धी परेशानी का पता चल जाता है |

संवाददाता धर्मवीर सिंह