फर्रुखाबाद, 1 अप्रैल 2023 जिला मुख्यालय पर जनपद सांसद मुकेश राजपूत ने हरी झंडी दिखाकर संचारी रोगों से बचाव के लिए जागरूकता रैली रवाना की । इस अभियान के तहत जहां घर-घर जाकर संचारी रोगों के प्रति जागरूकता फैलाई जा रही है वहीं इन रोगों को नियंत्रित करने के लिए जांच और तेज की जाएगी।
इस दौरान सांसद ने कहा कि हम भी संचारी रोगों से बच सकते हैं यदि अपने घर के आस पास पानी जमा न होने दें l
अगर हम ऐसा करेंगे तो डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसे रोगों से अपने आप को सुरक्षित कर सकते हैं l
जिलाधिकारी संजय सिंह ने जनपद वासियों से अपील करते हुए कहा कि इस अभियान को सफल बनाने में जनसमुदाय का सहयोग बहुत जरूरी है l
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अवनीन्द्र कुमार ने बताया कि जनपद में आज यानि एक अप्रैल से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान शुरू हो रहा है। यह अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान जनपदवासियों को वेक्टर जनित रोगों, जल जनित रोगों व लू आदि से बचाव व उपचार के बारे में जागरूक किया जाएगा। इसी बीच 17 अप्रैल से 30 अप्रैल तक दस्तक अभियान भी संचालित किया जाएगा।
नोडल अधिकारी डॉ यू सी वर्मा ने बताया कि जो बीमारी एक मरीज से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में दूषित भोजन, जल या संपर्क या कीटनाशक या जानवर से फैलती है उसे संचारी रोग कहते हैं। इसमें प्रमुख रूप से डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजार, चिकिनगुनिया, क्षय और कुष्ठ रोग आदि हैं। इन्हीं बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए विशेष संचारी रोग चल रहा है। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग एक नोडल के रूप में कार्य कर रहा है जबकि अन्य विभागों को सहयोग करने की ज़िम्मेदारी दी गई है। साथ ही ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सफाई के साथ लारवारोधी गतिविधियां और फागिंग भी कराई जा जायेंगी। इस अभियान के तहत घर-घर सर्वेक्षण कर फ्लू, खांसी, बुखार के रोगियों व कुपोषित बच्चों की जांच की जाएगी। अभियान के दौरान आशा संगिनी, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रमुख भूमिका में घर-घर जाकर अभियान सफल बनाएंगी। उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस पर जिले में मलेरिया निगरानी में सुधार और वार्षिक रक्त परीक्षण दर> 10 तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
कालाज़ार व फाइलेरिया पर रहेगा जोर
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ आर सी माथुर ने बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक फाइलेरिया और वर्ष 2023 के अंत तक कालाजार खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी क्रम में कालाज़ार से प्रभावित गांवों में शत-प्रतिशत आवासों को पक्का और बालू मक्खी प्रतिरोधी बनाया जाएगा। फाइलेरिया से प्रभावित गांवों में माइक्रोफाइलेरिया की दर शून्य के तय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक परीक्षण किया जाएगा। हाथी पांव या लिम्फेडेमा के रोगियों को स्व-देखभाल के लिए एमएमडीपी किट वितरित की जाएगी और हाइड्रोसील के शत-प्रतिशत रोगियों की सर्जरी सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में 63536 लोगों की रक्त पट्टिकाए बनाई गई जिसमें 94 मरीज़ मलेरिया से ग्रसित निकले वहीं, वर्ष 2021 में 28115 लोगों की रक्त पट्टिकाए बनाई गई जिसमें 155 मरीज़ मलेरिया से ग्रसित निकले वहीं, 2020 में 10507 लोगों की रक्त पट्टिकाए बनाई गई जिसमें 54 मरीज़ चिन्हित किए गए थे।
इस दौरान कायमगंज विधायक सुरभि गंगवार, बीजेपी जिला अध्यक्ष रूपेश गुप्ता, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक कटारिया, डीपीएम कंचन बाला, मलेरिया इंस्पेक्टर नरजीत कटियार, विकास दिवाकर, संगीता सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे