फर्रुखाबाद: यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य पर आज भी खुलकर बात न होने की वजह से देश में प्रतिवर्ष लाखों महिलाएं यौन संक्रमण की शिकार होती हैं । इस मुद्दे पर खुलकर बात हो, इसी उद्देश्य से प्रतिवर्ष 12 फरवरी को ‘यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य जागरूकता दिवस’ मनाया जाता है। यह कहना है अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दलवीर सिंह का
एसीएमओ ने बताया कि ग्रामीण महिलाएं आज भी यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतों के समाधान के लिए तब तक अस्पताल नहीं आतीं जब तक कि कोई गंभीर समस्या न आ जाए यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य जैसे विषयों पर किशोरियाँ और महिलाएं संकोच वश बात ही नहीं करती हैं। सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि वह झिझक छोड़ें और इस मुद्दे पर खुलकर बात करें
जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कायमगंज में बने साथिया केंद्र पर शनिवार को यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य दिवस मनाया गया
सीएचसी कायमगंज के साथिया केंद्र पर तैनात किशोर स्वास्थ्य समन्वयक हेमलता गंगवार ने बताया कि एक अप्रैल 2021 से अब तक 1124 किशोर -किशोरी साथिया केंद्र पर आए जिसमें से 55 किशोरियों में आरटीआई/एसटीआई संबंधी समस्या थी। किशोर अभी भी अपनी समस्या बताने से कतराते हैं
हेमलता कहती हैं कि इस समस्या का मुख्य कारण साफ-सफाई, असुरक्षित यौन संबंध और जागरूकता की कमी है। लड़कियां अक्सर माहवारी के समय गन्दा कपडा इस्तेमाल करती हैं और उचित सफाई भी नहीं रखती हैं। इस कारण वह प्रजनन मार्ग संक्रमण जैसी समस्या से गुजरती हैं ।
हेमलता ने बताया कि एक किशोरी अपनी माँ के साथ क्लीनिक पर आयी, उसे गुप्तांगों में फुंसियां हो रखी थी। माहवारी के दौरान वह कपड़े का इस्तेमाल कर रही थी ऐसे में उन्होने उसे और उसकी माँ की काउंसिलिंग की और लडक़ी को पैड का इस्तेमाल करने की सलाह दी।
मेंदपुर के रहने वाले 18 वर्षीय नरेश (बदला हुआ नाम) ने बताया कि उन्हें स्वप्न दोष की शिकायत थी इस बारे में मुझे किसी से भी बात करने में भी झिझक होती थी, अस्पताल आने पर यहाँ मुझको इससे जुडी दिक्कतों व परेशानियों के सम्बन्ध में जानकारी दी गई और निराकरण के उपाय बताये गए
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला सलाहकार चन्दन यादव बताते है कि अक्सर किशोर और किशोरियां प्रजनन एवं यौन संबधी समस्याओं पर खुल बात नहीं कर पाते है इसका मुख्य कारण है उनका शर्म महसूस करना या निजी जानकारी किसी को बता देने का भय। हमें ऐसा माहौल का बनाने की जरूरत है कि इस विषय पर खुलकर बात हो सके।
चन्दन ने बताया कि अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 तक 2503 किशोर और 4706 किशोरियों की एनीमिया, यौन एवं प्रजनन संक्रमण व् अन्य विषयों पर काउंसिलिंग की गई |
क्या होता है आरटीआई/एसटीआई
आरटीआई प्रजनन मार्ग में होने वाले सभी संक्रमण को कहते हैं । यह संक्रमित महिला के योनि, प्रजनन नली, सर्विक्स, गर्भाशय नलियां तथा अंडाशय को प्रभावित कर सकता है। गर्भाशय तथा नालियों का संक्रमण पीआईडी कहलाता है और पीआईडी के कारण बांझपन भी हो सकता है। एसटीआई मुख्यत: यौन संपर्क द्वारा एक से दूसरे में फैलने वाला संक्रमण होता है। कुछ एसटीआई संक्रमित रक्त चढ़ाने के कारण तथा मां से अजन्में बच्चे में फैल सकता है।
इन समस्याओं को न करें नजरंदाज जननांगों पर फोड़े होना, पेशाब करते समय जलन होना, पेट तथा जांघों के बीच के भाग में सूजन आना और खुजली होना, योनि या लिंग से स्राव या खुजली, अंडकोष में दर्दभरी सूजन, मासिक स्राव में परिवर्तन