फर्रुखाबाद:एड्स दिवस पर गोष्ठी आयोजित, एड्स और टीबी के प्रति किया जागरूक, छूने या साथ खाने से नहीं फैलता है एड्स – डॉ रंजन

फर्रुखाबाद, 1 दिसम्बर 2022 विश्व एड्स दिवस पर गुरुवार को बाबू सिंह जय सिंह आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज में छात्रों को एड्स और टीबी रोग के प्रति जागरूक किया गया। इसके साथ ही हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया l इस दौरान जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ रंजन गौतम ने कहा कि एड्स यानि एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है जो रोगी के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता खत्म कर देती है। एचआईवी वायरस मानव शरीर में प्रवेश करने के बाद कई सालों तक निष्क्रिय रहता है। हालांकि इस दौरान वायरस शरीर के अंदर अपनी संख्या बढ़ाता रहता है और श्वेत रक्त कणिकाओं को नष्ट कर देता है। एचआईवी वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद भी 15-20 सालों तक मरीज स्वस्थ दिखता है |
डॉ गौतम ने कहा कि एड्स और टीबी के अधिकतर लक्षण समान होते हैं| ऐसे में लोग समझ नहीं पाते हैं कि क्या हुआ है | इसके लिए बेहतर होगा की अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाँच कराएँ जिससे आपको समय रहते इलाज मिल सके | उन्होंने कहा कि एड्स छूने या साथ खाने से नहीं फैलता है l

यूपीटीएसयू से प्रोग्राम मैनेजर संजय त्रिपाठी ने कहा कि आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और अनैतिक संबंधों की बाढ़ में यह बीमारी और भी तेजी से फैल रही है। सिर्फ असुरक्षित यौन संबंधों से ही नहीं यह बीमारी संक्रमित खून या संक्रमित इंजेक्शन की वजह से भी फैलता है। जिला क्षय रोग विभाग से डीपीसी सौरभ तिवारी ने कहा कि आज भारत में ही नहीं सारे विश्व में एड्स दिवस मनाया जाता है | इस दिवस को मनाने से ही हम लोग इस बीमारी से नहीं बच सकते हैं वरन हम अपने साथी के प्रति वफादार रहें, और संक्रमित वस्तुओं का प्रयोग न करें |

अहाना यूपीएनपी से जिला समन्वयक ज्योति शुक्ला ने बताया कि एचआईवी संक्रमित गर्भवती से उसके बच्चे में एचआईवी का संक्रमण हो सकता है | इसके अलावा स्तनपान कराने से भी एचआईवी का वायरस बच्चे में जा सकता है हालांकि, अगर मां उचित दवाइयां ले रही है तो यह संभावना कम हो जाती है l उन्होंने कहा कि जनपद में समस्त गर्भवती की एचआईवी जांच कराई जाती है। पॉजिटिव आने वाली गर्भवती को एआरटी सेंटर से लिंक कराते हैं, जिससे उनको समुचित इलाज मिले और इन महिलाओं के पति और बच्चों की भी जांच करवाई जाती है।
ज्योति ने बताया कि इन महिलाओं का निरंतर घर- घर जाकर फॉलोअप किया जाता है। गर्भवती की 32 से 36 सप्ताह पर विशेष जांच करवाते हैं।प्रसव उपरांत बच्चे को दवाएं उपलब्ध करायी जाती हैं ।

इस मौके पर बाबू सिंह जय सिंह आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज से डॉ सरोजनी, राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) से पुष्पेंद्र, एसटीएस प्रदीप, कुलदीप एसटीएलएस नीतेश डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय से एड्स काउंसलर नीतू वर्मा और टीआई से वेद प्रकाश सहित अन्य लोग मौजूद रहे |