फर्रुखाबाद : सल्लन के दांतों में अक्सर दर्द रहता था दवा खा लेता बंद हो जाता लेकिन दोबारा फिर शुरु हो जाता l ऐसा कब तक चलेगा यही सोचकर एक दिन सल्लन ने कायमगंज में एक निजी चिकित्सक को दिखाया l डॉक्टर ने कहा कि तुम इसको कही बाहर दिखाओ क्यूंकि कैंसर के लक्षण प्रतीत होते हैं l
सल्लन बताते हैं कि कैंसर का नाम सुनते ही मेरी तो जान ही निकल गई मैं मजदूरी करने वाला व्यक्ति इतने पैसे कहां से लाऊंगा जिससे मेरा इलाज हो सके मेरे चार छोटे छोटे बच्चे, पत्नी मेरे बाद इन सभी का क्या होगा यही सोचकर मैंने लोगों से कर्ज लेकर अपना आपरेशन दो साल पहले लखनऊ में लक्ष्य कैंसर हॉस्पिटल में कराया l
सल्लन कहते हैं कि मेरा आयुष्मान कार्ड में नाम था लेकिन कार्ड नहीं बनवाया क्योंकि मैं सोचता था कि यह सरकारी है सब बेकार है लेकिन मेरे पास अब रूपए नहीं रह गए थे l जिससे मैं अपनी सिकाई करा सकूं l इसलिए मैं गांव की आशा मल्लिका से मिला उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि इस कार्ड से तुम्हारा इलाज फ्री हो जायेगा l वह मुझे लेकर सरकारी अस्पताल कायमगंज लेकर आईं मेरी आरोग्य मित्र अनुराग से बात कराई अनुराग ने कहा तुम्हारी सिकाई निशुल्क हो जायेगी इसके लिए केशलता हॉस्पिटल जाना होगा l मैंने बरेली जाकर अपनी सिकाई कराई और वहां मुझ से कोई पैसा नहीं लगा जानकारी न होने और सरकारी योजना पर विश्वास न होने से मेरा आपरेशन में काफ़ी पैसा खर्च हो गया l
अब मैं मजदूरी करके लोगों का कर्ज उतार रहा हूं मेरा सभी से अनुरोध है कि अपना गोल्डन कार्ड जल्द बनवा लें और जरूरत पड़ने पर अपना निशुल्क इलाज कराएं l
योजना के नोडल अधिकारी डॉ रंजन गौतम का कहना है कि सल्लन जैसे जिले में कई ऐसे मामले हैं जो आयुष्मान भारत योजना के तहत हर दिन लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले में लगभग 8400 लोग इलाज करवा चुके हैं। जिसमें सरकार द्वारा लगभग 12 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है l उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत प्रति परिवार को पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जाता है।
आयुष्मान योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अमित मिश्र ने बताया कि इस योजना के तहत अब तक 2,32,527 लोगों के गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं l उन्होंने बताया कि अपना जनपद राज्य स्तरीय रैंकिंग में शीर्ष 22 नम्बर पर हैl
और कानपुर मण्डल में देखा जाए तो अपना जनपद दूसरे नंबर पर है l