फर्रुखाबाद: कारागार महानिदेशक के पत्र के आधार पर शासन की ओर से जेलों में बंद कैदियों से मुलाकात की 16 अगस्त से अनुमति दे गयी थी। लेकिन लगभग डेढ़ वर्ष बाद शुरू हो रही मुलाकात के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट की अनिवार्यता की कड़ी शर्त परिजनों और बंदी के बीच जेल की ऊंची दीवार की तरह खड़ी हो गयी| टेस्ट रिपोर्ट ना होनें से दर्जन भर से अधिक लोग वापस लौट गये|
दरअसल केन्द्रीय कारागार व जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों की मुलाकात पर 20 मार्च 2020 से कोरोना महामारी के चलते शासन से पाबंदी लगा दी गयी थी| जिसके बाद से लगभग डेढ़ वर्ष से मुलाकात बंद चल रही थी| सोमवार से दोनों जेलों में मुलाकात की पाबंदी हटी तो जिला जेल में ही मुलाकात हुई| वहीं सेन्ट्रल जेल में जनपद शाहजहाँपुर घुसगवां निगोही निवासी प्रवेन्द्र कुमार नें जेल में बंद अपने पिता अमर सिंह से व कमलेश पुत्र लाल बहादुर कुसमरा मैनपुरी से उनके पुत्र सौरभ मिश्रा ने मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस बार रक्षबंधन को अधिक भीड़ उमड़ेगी |
और आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट ना होनें से परिजन बैरंग लौटे गये।
शासन के फरमान से जेल में कोरोना वायरस से बचाव के लिए मुलाकात को आनें वाले बंदियों के परिजनों को आरटी-पीसीआर टेस्ट की अनिवार्यता की गयी है| लिहाजा सोमवार को दर्जन भर से अधिक महिला और पुरुष मुलाकात करनें जनपद और गैर जनपदों से पंहुचे| लेकिन अधिकतर के पास आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट नही थी| जिससे वह मुलाकात नही कर पाये| उन्हें बैरंग लौटना पड़ा |
फर्रुखाबाद संवाददाता धर्मवीर सिंह