फर्रुखाबाद: स्वास्थ्य केंद्रों पर आज मनाया जाएगा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस गर्भवती की होगी जांच, चिन्हित होंगी उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाएं


फर्रुखाबाद: प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत हर माह की नौ तारीख को गर्भवती की पूर्ण जांच की जाती है | इसी क्रम में बुधवार को डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर यह सुविधा मुफ्त मुहैया कराई जाएगी | जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता अतुल गुप्ता ने बताया कि जिले में वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस अभियान के तहत अब तक 9142 गर्भवती की जाँच की गई जिसमें से 879 गर्भवती उच्च जोखिम की अवस्था में मिलीं, जिनका इलाज किया गया | इनमें से 462 महिलाओं का सुरक्षित संस्थागत प्रसव भी कराया जा चुका है |
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दलवीर सिंह ने बताया सुरक्षित प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव जरूरी है। संस्थागत प्रसव अस्पताल में प्रशिक्षित और सक्षम स्वास्थ्य कर्मी की देख-रेख में कराया जाता है। अस्पतालों में मातृ एवं शिशु सुरक्षा के लिए भी सारी सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। इसके साथ ही किसी भी आपात स्थिति यथा रक्त की अल्पता या एस्पेक्सिया जैसी समस्याओं से निपटने की तमाम सुविधाएं अस्पतालों में उपलब्ध होती हैं।
सीएचसी कायमगंज पर तैनात स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. मधु अग्रवाल ने बताया – उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था वह अवस्था है, जिसमें महिला या उसके भ्रूण के स्वास्थ्य या जीवन को खतरा होता है। किसी भी गर्भावस्था में जहां जटिलताओं को संभावना अधिक होती है, उस गर्भावस्था को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी या उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था में रखा जाता है। इस तरह की गर्भावस्था को प्रशिक्षित चिकित्सक की विशिष्ट देखभाल की आवश्यकता होती है। अस्पताल आने वाली अधिकतर महिलाओं में खून की कमी देखने को मिलती है | ऐसे में जरूरी है कि गर्भावस्था में अपना विशेष ध्यान रखें | इस दौरान आयरन, कैल्शियम की गोली, हरे पत्तेदार सब्जी, दूध, गाजर, चुकंदर का सेवन करती रहें |
डॉ मधु कहती हैं कि हम लोगों का भरसक प्रयास रहता है कि सीएचसी पर आने वाली प्रत्येक गर्भवती को उचित इलाज मिल सके | साथ ही कहा कि सीएचसी पर हर माह लगभग 400 सुरक्षित प्रसव हो जाते हैं |

केस 1- कायमगंज ब्लॉक के गावं शिवरई वरियार की रहने वाली ज्योति बताती हैं कि मेरी उम्र इस समय 25 वर्ष है| मेरे दो बेटियाँ हैं, मेरे पति समोसा और चाय की दुकान लगाते हैं | घर की परिस्थिति ऐसी नहीं है कि मैं निजी अस्पताल में अपनी दवा करा सकूँ मेरा दो वार गर्भपात हो चुका है| ऐसे में जब मैंने गर्भ धारण किया तो मैं डर गई कि कहीं इस बार भी मेरा गर्भपात न हो जाये तो ऐसे में गावं की आशा रागिनी ने मुझे सीएचसी कायमगंज में डॉ मधु अग्रवाल को दिखाया और कई बार मेरी जाँच कराई | मेरा सुरक्षित प्रसव अस्पताल में 7 जनवरी को हुआ और मुझे 1400 रुपये भी सरकार द्वारा दिए गए |
केस 2-इसी ब्लॉक के गावं रुटौल की रहने वाली ज्योति बताती हैं कि मेरी इस समय उम्र 26 वर्ष है मेरे पति मजदूरी कर घर का पालन पोषण करते हैं मेरे तीन बेटियां हैं मेरी शादी को पांच वर्ष हो गए हैं इस दौरान मेरा दो बार गर्भपात हुआ |
ज्योति कहती हैं मेरी प्रसव से पहले दो बार जाँच अस्पताल में और तीन बार एएनएम दीदी शिववती ने की | इस दौरान उन्होंने बताया कि खून की कमी है तो उन्होंने आयरन की गोली खाने को दीं और टिटनेस की सुई भी लगाई | मेरी आशा निर्मला और आशा संगिनी उर्मिला यादव ने बहुत मदद की मेरे प्रसव के दौरान मेरे साथ रहीं साथ ही कई बार मेरे घर भी मुझे और बच्चे को देखने आईं | मुझे प्रसव के बाद 1400 रूपये भी मिले |