फर्रुखाबाद, 10 अक्टूबर 2023 राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मगंलवार को नवभारत सभा भवन में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर 30 दिव्यांगों को रोजमर्रा की वस्तुएं देकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनीन्द्र कुमार ने मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का शुभारंभ किया ।
इस दौरान सीएमओ ने कहा कि मानसिक विकार से ग्रसित व्यक्ति को झाड़-फूंक के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। उसे मानसिक रोग विशेषज्ञ को दिखाकर इलाज कराना चाहिए क्योंकि इलाज कराने से ही मानसिक बीमारियों से छुटकारा मिलेगा l
साथ ही बताया जब तक हमारा मन मस्तिष्क स्वस्थ नहीं होगा तब तक हम स्वस्थ समाज की कल्पना नहीं कर सकते है | अत: प्रत्येक मनुष्य की जिम्मेदारी बन जाती है की वह मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो साथ ही अपने घर परिवार , आस पड़ोस में सबको इसके प्रति जागरूक करे |
सीएमओ ने कहा कि मानसिक रूप से दिव्यांग लोग समाज और परिवार का एक महत्वपूर्ण अंग है इसलिए हमारी नैतिक जिम्मेदारी होती है कि हम अपने इस महत्वपूर्ण अंग को समेकित प्रयास के साथ सुपोषित करें साथ ही इनकी प्राथमिक देखभाल करके इनको समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने में सहयोग प्रदान करें जैसे की वॉलीबॉल प्लेयर अरुणिमा सिन्हा ने अपने दोनों पैर एक दुर्घटना में घायल हो जाने के पश्चात माउंट एवरेस्ट को फतह करके दिखाया और माइकल फ़ेलेप्स जिनके बचपन से ही एक बीमारी के कारण उनके हाथ पैर सही से काम नहीं करते थे इसके बावजूद उन्होंने ओलंपिक में तेराकी स्पर्धा में तकरीबन 6-7 स्वर्ण पदक लेकर दुनिया को यह संदेश दिया कि इस दुनिया में नामुमकिन जैसी कोई चीज नहीं है l
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दलवीर सिंह ने बताया कि बच्चों में मानसिक विकार गर्भावस्था के दौरान ही शुरू हो जाते हैं अतः आशा बहू का बहुत महत्वपूर्ण रोल है कि जैसे ही उन्हें किसी महिला के गर्भवती होने का पता चले उसका पंजीकरण अपने पास करें और उनको गर्भावस्था के दौरान दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्रदान करवाये जिससे कि होने वाले बच्चा शारीरिक और मानसिक रूप से पुर्णतया स्वस्थ हो l
डॉ दलवीर सिंह ने शिविर में आये जनमानस और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं बताया कि नींद न आना, तनाव, घबराहट, जीवन के प्रति निराशा, डर लगना, व्यवहार में बदलाव आना , नशे का आदी हो जाना, बेहोशी आना, सिर में भारीपन, किसी काम में मन न लगना आदि मानसिक रोग के लक्षण हैं । इस तरह के लक्षण प्रतीत होने पर मनोचिकित्सक को दिखाएं l डॉ दलवीर ने बताया कि मोबाइल का अधिक प्रयोग लोगों को मानसिक रोगी बना रहा l इसके अति प्रयोग से बचें, अपनी नियमित दिनचर्या में सुधार लाएं समय पर भोजन करें, उचित नींद लें और व्यायाम करें l
मनोवैज्ञानिक सामाजिक कार्यकर्ता दीप्ति यादव ने कहा कि मानसिक रोग, कई तरह की मानसिक समस्याओं के कारण हो सकते हैं। इसकी वजह से इंसान की मनोदशा, व्यवहार और सोच पर नकारात्मक असर पड़ता है। डिप्रेशन, चिंता, स्ट्रेस और स्किजोफ्रेनिया जैसी समस्याएं मानसिक बीमारी कहलाती हैं। उन्होंने कहा कि मानसिक बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को इलाज के साथ-साथ अपनों के सहयोग की भी जरूरत होती है।
दीप्ति यादव ने बताया कि भारत सरकार द्वारा टेली मानस प्रोग्राम के तहत हेल्पलाइन द्वारा 1800 914 416 या 14416 यह टोल फ्री नम्बर जारी किया गया है l इस नम्बर के द्वारा कभी भी अपनी समस्या का समाधान पा सकते हैं l इस सेवा को प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित और अधिकृत काउंसलर की नियुक्ति की गई है |
इस दौरान जिला कार्यक्रम प्रबंधक कंचन बाला, डीसीपीएम रणविजय प्रताप सिंह, अमित शाक्य, सूरज दुबे, टीएसयू से सुखवीर यादव , डॉ कीर्ति निगम सहित अन्य लोग मौजूद रहे l