फर्रुखाबाद:- जिले में ओवरलोड वाहन फर्राटा भरते नजर आते हैं , जिले के आला अफसर मौन

फर्रुखाबाद:- जिले में जिले में फर्राटा भरते ओवरलोड वाहन नजर आ रहे हैं । जिनमें सबसे अधिक ओवरलोड टैक्टर और ट्रक शामिल हैं ।जो फर्रुखाबाद रेलवे स्टेशन पर माल ढुलाई का काम करते हैं । इनमें चलने वाले ओवरलोड ट्रैक्टर जिनमें ना तो हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट होती है और ना ही ड्राइवरों के पास ड्राइविंग लाइसेंस और न ही कोई लोडिंग परमिट । इतना सब कुछ होने के बाद भी फर्रुखाबाद जिले के प्रशासनिक आला अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हुए हैं । क्योंकि कहीं ना कहीं एक सवाल है कि अधिकारियों की चुप्पी उनके भ्रष्ट होने की ओर इशारा करती है । आए दिन सड़कों पर ओवरलोडिंग वाहन के चलते भयंकर दुर्घटनाएं देखने को मिलती हैं । इसके साथ-साथ बारिश के मौसम में ओवरलोड वाहन सड़कों की हालत जर्जर किए जा रहे हैं । सड़कों पर पानी भरने के साथ भी ओवरलोड वाहन की वजह से सड़कों में गहरे गड्ढे होते जा रहे हैं । यहां तक कि आला अधिकारियों की तो छोड़ो जिले के सभी विधायक और सांसद भी ऐसी घटनाओं से मुंह मोड़े रहते हैं । खुद सांसद के घर से 50 कदम दूर पर सड़क में गहरे गड्ढे है । फर्रुखाबाद में सड़क की दुर्दशा की सबसे बड़े जिम्मेदार ओवरलोड वाहन है । जो अपना सिर पटक पटक कर सड़कों पर गड्ढे करते हैं । प्रशासन ले अधिकारियों की गाड़ियां उनके पास से गुजरती हैं लेकिन उन्हें यह ओवरलोड वाहन दिखाई नहीं देते हैं । ना ही उन पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई होती है । आम जनता को ओवरलोड वाहनों के कारण लंबे जाम का सामना करना पड़ता है । जिसमें स्कूल जाने वाले मासूम स्कूली बच्चे गर्मी का शिकार होते हैं । साथ में अस्पताल जाने वाली एंबुलेंस में कई घंटों तक फंसी रहती हैं जिसके दौरान मरीजों की कभी-कभी मौत भी हो जाती है । सभी प्रकार की घटनाओं को जानते हुए भी आला अधिकारी ओवरलोडिंग वाहनों की तरफ कोई रुख नहीं करते हैं । जबकि आए दिन चेकिंग अभियान चलाकर मध्यमवर्गीय परिवार का मोटरसाइकिल चालान काटकर जेब काटते दिखाई देते हैं । ओवरलोड वाहन मालिक और अधिकारियों की  कहीं न कहीं सांठगांठ हैं जिसके चलते उनके चालान नहीं किये जाते । जबकि मध्यम वर्गीय परिवार के मोटरसाइकिल सवार लोगों के चालान धड़ाधड़ किए जाते हैं । अब देखते हैं कब तक फर्रुखाबाद प्रशासन की आंखें खुलती हैं । और लोगों को राहत दिलाने के लिए ओवरलोडिंग वाहनों पर कब कार्रवाई होती है । कब हमारी फर्रुखाबाद की सड़कें चैन की सांस ले सकेगी ।