फर्रुखाबाद : छोटे बच्चों की बेहतर देखभाल के लिए होम बेस्ड यंग चाइल्ड केयर कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसको लेकर गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नवावगंज और कायमगंज में आशा कार्यकर्ताओं की पाँचदिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस दौरान बच्चों के छह माह तक स्तनपान पर बल, पूरक आहार,आवश्यक खनिज तत्वों वाले भोजन की उपलब्धता, परिवार नियोजन व संपूर्ण टीकाकरण पर विस्तार से जानकारी दी गई।
सीएचसी नवावगंज के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ शोभित शाक्य ने बताया कि यह प्रशिक्षण 8 मार्च से प्रारंभ हुआ जो 12 मार्च तक चलेगा| इस दौरान 28 आशा कार्यकर्ता और दोआशा संगिनी को प्रशिक्षण दिया गया । शेष बची हुई आशा कार्यकर्ताओं को जल्द हीप्रशिक्षण दिया जायेगा |
डॉ शोभित ने कहा कि जन्म से लेकर पांच वर्ष के बच्चों में शारीरिक क्षमता कम होती है इसलिए उनको होने वाली गंभीर बीमारियों को रोकने में आशा कार्यकर्त्ता की अहम् भूमिका होती है | इस कार्यक्रम के अंतर्गत शिशुओं की वृद्धि ,विकास एवं पोषण सुनिश्चित करने के लिए 6 से 7 गृह भ्रमण के साथ ही 42 दिन के पश्चात आशा के द्वारा शिशुओं की गृह आधारित देखभाल 3, 6, 9, 12 एवं 15 माह की आयु होने तक अतिरिक्त पांच बार त्रैमासिक गृह भ्रमण की व्यवस्था की गयी है |
एचबीवाईसी के तकनीकी प्रशिक्षक स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी कृष्णकांत मिश्र ने बताया कि पाँच वर्ष से कम आयु के दस बच्चों में से लगभग चार बच्चों का उनकी उम्र के अनुपात में वजन कम होता है।पाँच वर्ष से कम आयु के दस में से लगभग दो बच्चों का लंबाई के हिसाब से वजन कम होता है। वहीं पाँचवर्ष से कम आयु के दस बच्चों में से लगभग चार बच्चों की लंबाई उम्र के हिसाब से नहीं बढ़ती है और इन सब का कारण कुपोषण है। इसे ध्यान में रखते हुए छोटे बच्चों की बेहतर देखभाल के लिए एचबीवाईसी कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।
तकनीकी प्रशिक्षक संजीव पांडेय ने बताया कि छोटे बच्चों की गृह आधारित देखभाल में आशा की अहम भूमिका होती है। वह घर-घर जाकर पोषण संबंधी जानकारी, स्तनपान का महत्व, ऊपरी भोजन और भोजन में आवश्यक खनिज तत्वों की उपलब्धता पर तकनीकी जानकारी लोगों को देती है। इसके लिए आशाओं को भी इनकी संपूर्ण जानकारी रखना जरूरी है ताकि लोगों को समुचित जानकारी दी जा सके।
जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक रणविजय प्रताप सिंह ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं को इस प्रशिक्षण के अलग अलग सत्रों में विभिन्न विषयों पर जानकारी दी जा रही है। परिवार नियोजन के लिए योग्य दंपतियों की जरूरतों और परिवार नियोजन की विधियों और प्रत्येक विधि के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया है। दो बच्चों के बीच कम से कम तीन साल का अंतर बनाए रखना के लिए स्थायी और अस्थायी विकल्पों के चयन जानकारी दी गई। स्थायी विकल्प में पुरुष व महिला नसबंदी व अस्थायी विकल्प में कॉपर टी, गर्भनिरोधक गोलिया, कंडोम आदि की जानकारी और उपलब्धता व मुफ्त परिवार नियोजन सेवाओं की जानकारी आदि सुनिश्चित कराते हुए योग्य दंपतियों को आवश्यक परामर्श देने संबंधी विषयों पर ट्रेनिंग दी जा रही है।
डीसीपीएम ने बताया कि व्यक्तिगत साफ -सफाई स्वस्थ्य रहने के लिए जरूरी है। इसे ध्यान में रखते हुए आशा कार्यकर्ताओं को साफ पानी के इस्तेमाल, स्वच्छता व व्यक्तिगत सफाई संबंधी जानकारी आमलोगों को देने का प्रशिक्षण दिया गया है। आशा कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर बीमार बच्चों का स्वास्थ्य प्रबंधन व बच्चों के शारीरिक विकास पर नजर रखने संबंधी जानकारी भी दी गई है।
इस दौरान यूनिसेफ से डीएमसी राजीव चौहान, बीएमसी विपिन सिंघल सहित अन्य लोग मौजूद रहे |