फर्रुखाबाद: विश्व होम्योपैथी दिवस (10 अप्रैल)पर,विशेष होम्योपैथी में है जटिल रोगों का इलाज -डॉ. दीप्ति

7 अप्रैल 2023 आज विश्व के लगभग 100 देशों में मरीजों का इलाज होम्योपैथी पध्दतिसे किया जा रहा है। होम्योपैथी पद्धति जहां कोई नुकसान नहीं पहुंचाती है, वहीं इसकी दवाओं की लागत भी बहुत अधिक नहीं होती है। आजकल कई जटिल बीमारियों से पीड़ित मरीजों का होम्योपैथी से इलाज किया जा रहा है। होम्योपैथी से जटिल से जटिल रोग को जड़ से मिटाया जा सकता है। यह कहना है जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डॉ दीप्ति त्रिवेदी का |
डॉ दीप्ति ने बताया कि जिले में 19 जगह होम्योपैथी चिकित्सालय खुले हुए हैं l जिनमें इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में नए पुराने मरीजों को मिलाकर शहरी क्षेत्र में डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में 42861 मरीजों को स्वास्थ्य लाभ दिया गया तो वहीं सिविल अस्पताल लिंजीगंज में 22543 , रामानंद बालिका इंटर कालेज में 18770, आजाद भवन नुनहाई में 19054 , ग्रामीण क्षेत्र में सीएचसी कायमगंज में 32196, रसीदाबाद तिवारियान में 11017, सलेमपुर में 9965 ,बहोरिकपुर में 9996 ,बुढनामऊ में 23165,दरौरा में 15988,खुदागंज में 10966 ,पुठरी में 12066,बछलैया में 5636, शुकुल्लापुर में 11389, मंझना में 12005,नौली में 12251,कड़हर में 12071 ,भटासा में 15867 और किराचिन में 8504 मरीज़ देखे गए यानि इस वित्तीय वर्ष में 3,06,308 मरीजों ने होम्योपैथी चिकित्सालय में अपना इलाज कराया l
साथ ही कहा कि इन सभी स्थानों पर प्रतिदिन नए पुराने मरीजों को मिलाकर लगभग 900 से 1000 लोगों का इलाज किया जाता है |
डॉ दीप्ति ने बताया कि विश्व होम्योपैथी दिवस (10 अप्रैल) यानि सोमवार को सभी चिकित्सालयों में लोगों को इस चिकित्सीय पद्धति के बारे में जागरूक किया जायेगा | साथ ही जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी सभागार फतेहगढ़ में गोष्ठी कर लोगों को होम्योपैथिक चिकित्सा के बारे में जागरुक किया जायेगा l
डॉ दीप्ति ने बताया कि आज लोगों में इस पद्धति के प्रति विश्सनीयता बढ़ी है, लोग एलोपैथी को छोड़कर होम्योपैथी चिकित्सा को अपना रहे हैं l
डॉ दीप्ति ने कहा कि होम्योपैथी चिकित्सा में इलाज थोड़ा लंबा चलता है इसलिए लोग जल्द स्वस्थ होने की चाह में अन्य चिकित्सा पद्धतियों से इलाज कराते हैं मेरा सभी से अनुरोध है कि इस पद्धति पर विश्वास रखें और अपना इलाज कराएं l इस चिकित्सा में आपको कोई भी नुकसान नहीं होगा l बल्कि आपकी बीमारी भी जड़ से समाप्त हो सकती है l
सिविल अस्पताल लिंजीगंज के होम्योपैथी विभाग में तैनात डॉ रूचि शुक्ला बताती हैं कि मेरे पास प्रतिदिन लगभग 100 से 150 मरीज दवा लेने आते हैं जिनमें से कुछ बुखार, जुखाम के तो कुछ माइग्रेन , घुटनों में सूजन, गुर्दे में पथरी ,चर्म रोग और अन्य बीमारियों से ग्रसित होते हैं |
आजाद भवन नुन्हाई में होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी डॉ सुरेंद्र सिंह ने बताया कि होम्योपैथी चिकित्सा में स्तन कैंसर, गर्भाशय की गांठ, प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ जाना, गुर्दे की पथरी और गर्भाशय का बाहर निकल आना आदि रोगों का सफल इलाज इस पद्धति से किया जाता है l
मोहल्ला खड़ियाई की रहने वाली प्रियंका 35 वर्ष कहती हैं कि मेरे गले में गांठ थी उसका काफी इलाज कराया कोई फायदा नहीं हुआ कई जगह तो डॉक्टर ने आपरेशन बता दिया लेकिन मैंने आजाद भवन से अपनी दवा कराई तो मेरी गांठ चली गई और मैं आपरेशन से बच गई l
सिविल अस्पताल लिंजीगंज के बाहर चने बेचने वाली एक महिला उम्र लगभग 40 वर्ष काल्पनिक नाम विमला ने बताया कि मेरे गर्भाशय में गांठ थी सभी जगह आपरेशन बता दिया गया और मैं डरते-डरते आपरेशन के लिए तैयार हो गई । उसी समय मैंने सिविल अस्पताल में डॉ रुचि से बात की तो उन्होंने कहा कि इसका होम्योपैथी में इलाज हो जायेगा लेकिन समय लगेगा l मैंने लगभग तीन वर्ष अपना इलाज कराया और आपरेशन से बच गई मेरा सभी से कहना है कि अगर किसी को कोई भी परेशानी हो तो होम्योपैथी अस्पताल में जाकर जरूर दिखाएं l

यह भी जानें
प्रतिवर्ष 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है। होम्योपैथी के जनक माने जाने वाले जर्मन मूल के ईसाई फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन का जन्म 10 अप्रैल को ही हुआ था। इस साल उनकी 266वीं जयंती है। विश्व होम्योपैथी दिवस केवल डॉ. हैनीमैन की जयंती के उपलक्ष्य में ही नहीं मनाया जाता बल्कि होम्योपैथी को आगे ले जाने की चुनौतियों और भविष्य की रणनीतियों को समझने के लिए भी मनाया जाता है।