फर्रुखाबाद:वीरांगना फूलन देवी की जयंती निषाद पार्टी जिलाध्यक्ष ने एक सभा का आयोजन कर धूमधाम से मनाई।

फर्रुखाबाद,(द दस्तक 24 न्यूज़) 10 अगस्त 2024 वीरांगना फूलन देवी जी की जयंती पर निषाद पार्टी जिला अध्यक्ष अनिल कश्यप के द्वारा एक सभा का आयोजन बढ़पुर स्थित जिला कार्यालय पर किया गया। कश्यप समाज के वरिष्ठ समाजसेवी एवं अन्य साथी गणों ने वीरांगना फूलन देवी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्वलित किया। इसमें मौके पर केक भी काटा गया। सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी ओम बाबू बाथम ने की। कार्यक्रम का संचालन अजीत बाथम ने किया। वरिष्ठ समाज सेवी राजकपूर बाथम ने फूलन देवी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया की फूलन देवी जी का जन्म 10 अगस्त 1963 को उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के एक छोटे से गांव पूर्व में मल्लाह जाति में बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था बचपन में ही फूलन देवी का विवाह पुत्तीलाल मल्लाह से हो गया था उनके पति ने उन पर शुरू से ही अत्याचार करना प्रारंभ कर दिया था । जिससे परेशान होकर उन्होंने ससुराल में ना रहने का संकल्प कर लिया था।  इस मौके पर पुजारी सुरेंद्र कश्यप ने बताया कि फूलन देवी ने अपने ऊपर हुए पुलिस एवं समाज की अत्याचारों का बदला लेने के लिए चंबल का रास्ता चुन लिया और बाबू गुर्जर के गैंग में शामिल हो गई वहां गैंग की दूसरे लीडर विक्रम मल्लाह से उन्होंने शादी कर ली। जिला अध्यक्ष अनिल कश्यप ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि फूलन देवी ने अपने साथ हुए गलत कार्यों का बदला सात माह में ही ले लिया। जिससे उनकी प्रसिद्ध देश के साथ-साथ विदेश में भी हो गई और फूलन देवी को आयरन लेडी कहा जाने लगा। फूलन देवी ने चंबल में रहने के बावजूद गरीबों की मदद करने के लिए सदैव प्रयास किया। गरीब कन्याओं की शादी में मदद करती रही। कुलदीप कश्यप एडवोकेट ने अपने संबोधन में बताया कि 13 फरवरी 1983 को फूलन देवी ने मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सामने भिंड में एक समारोह में आत्मसमर्पण कर दिया था इसके बाद 11 वर्ष उन्होंने जेल में बताएं समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने उन्हें राजनीतिक संरक्षण दिया रिहा होने के बाद 1996 में हुए 11वीं लोकसभा के लिए मिर्जापुर से सांसद चुनी गई। 1994 में उनके जीवन पर शेखर कपूर ने बैंडिट क्वीन नाम से फिल्म बनाई जिसे भारत देश के साथ ही पूरे यूरोप में खासी लोकप्रियता मिली साल 2001 में केवल 38 साल की उम्र में फूलन देवी जी की हत्या दिल्ली में सरकारी आवास के बाहर कर दी गई। मुनेश कश्यप ने  फूलन देवी को नम आंखों से श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए अपने संबोधन में कहा की जीवन एक संघर्ष है और प्रत्येक पल हमें इससे गुजरना पड़ता है और संघर्षशील मनुष्य ही जीवन में सफल होता है हमें अपने बड़ों के  बताएं रास्ते पर चलना चाहिए और सदैव दूसरों का सम्मान करना चाहिए। समाज की सेवा के लिए मै एक समाजसेवी के नाते सदैव प्रयासरत रहूँगा। फूलन देवी ने अपने ऊपर हुए अत्याचारों का बदला लिया समाज के लोग अगर शिक्षित बनेंगे तो निश्चित ही वह अपनी ताकत पहचान पाएंगे। इसलिए शिक्षित और समृद्धिशाली बनने का सदैव प्रयास करें। अपने  संबोधन में विमल बाथम ने कहा कि हमें महर्षि कश्यप के बताए गए नेक रास्ते पर चलना चाहिए और भाईचारे की भावना बनाए रखनी चाहिए। अपने समाज को शिक्षित संगठित और कर्तव्य निष्ठ बनाना चाहिए। इस मौके पर मुनेश बाथम, संदीप बाथम, सर्वेश बाथम, राय सिंह कश्यप, ओम बाबू बाथम, मौजी राम बाबा, जितेंद्र कनौजिया, ज्ञानेंद्र कश्यप, टिंकू कश्यप, अनुज कश्यप, रविंद्र कश्यप, विनोद कश्यप, सोमनाथ कश्यप, विजय कश्यप, कैलाश शंकर, महिपाल कश्यप, सुरेश कश्यप, अरविंद बाथम, अरविंद कश्यप, दुर्गेश कश्यप आदि लोग उपस्थित रहे।