फर्रुखाबाद, 25 नवंबर 2022 सन 2011 में कुपोषण को मात देने के लिए जनपद में दस बेड के पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में हुई थी तब से आज तक न जाने कितने बच्चों ने यहाँ कुपोषण को हराया है l इसी में से एक बच्चा 9 माह का मयंक कायमगंज ब्लॉक के ग्राम रानीपुर गौर से डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय की ओपीडी में दिखाने आया था वहां पर जांच करने पर पता चला कि बच्चे का लीवर बढ़ा हुआ है साथ ही बच्चा कुपोषण का शिकार है उसको 28 अक्टूबर को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया तब उसका वजन 5 किलो 635 ग्राम था जब 10 नवम्बर को उसकी छुट्टी की गई तब उसका वजन 6 किलो 550 ग्राम हो गया साथ ही उसके लीवर का इलाज किया अब बच्चा पहले से स्वस्थ है l
मयंक के पिता दिनेश सिंह बताते हैं कि जबसे मेरा बेटा पैदा हुआ तब से इसकी दवा बंद नहीं हुई न जाने कितने निजी चिकित्सकों से इलाज कराया कोई फायदा नहीं हुआ मैं निजी स्कूल में बच्चों को पढ़ाता हूं मेरे चार बच्चे हैं l मयंक के इलाज के कारण और बच्चों पर ध्यान नहीं दे पा रहा था और पैसा भी बहुत खर्च हो चुका था l अब मैंने 27 अक्टूबर को सीएचसी कायमगंज में दिखाया जहां पर डॉक्टर ने देखने के बाद मेरे बेटे को लोहिया अस्पताल के लिए भेज दिया l
दिनेश कहते हैं लोहिया अस्पताल में मैंने डॉ विवेक को दिखाया उन्होंने उसे पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कर लिया जहां पर उसका इलाज हुआ उसने कुपोषण को हराया साथ ही उसके पेट में जो सूजन थी वह भी अब कम हो गई है l दिनेश कहते हैं कि मैं धन्यवाद देना चाहता हूं डॉ विवेक और उनके पूरे स्टॉफ का जिसने मेरे बच्चे को स्वस्थ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई l साथ ही कहा कि मैंने बच्चे को 14 दिन एनआरसी में भर्ती कराया तो प्रतिदिन ₹50 दैनिक भत्ता और निशुल्क भोजन मुझे भी मिला साथ ही जानकारी दी गई बच्चे के प्रत्येक चार बार फॉलोअप के लिए एनआरसी आने पर ₹150 की प्रतिपूर्ति राशि भी प्रदान की जाएगी।
पोषण पुनर्वास केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ विवेक सक्सेना का कहना है कि बच्चा बीमार हो, लगातार दस्त हो, त्वचा खिची हो आंखों में गड्ढे, और कमजोर दिखे तो देर न करें उसे फौरन सरकारी अस्पताल में दिखाएं l उन्होंने बताया कि बच्चों को कुपोषण से निकालने में आहार परामर्शदाता संगीता, स्टॉफ नर्स रीना, सौरभ और आलोक का बहुत बड़ा योगदान होता है l पोषण पुनर्वास केंद्र में आहार परामर्शदाता संगीता ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष अप्रैल 21 से मार्च 21 तक 71 बच्चे भर्ती किए गए जिनमें से 58 बच्चे स्वस्थ हुऐ साथ ही इस वित्तीय वर्ष 2022 23 में अब तक 101 बच्चे भर्ती किए गए जिनमें से 90 बच्चे स्वस्थ होकर अपने घर चले गए l
दिनेश सिंह ने जनपदवासियों से अपील की है कि मेरी जैसी गलती आप लोग न करें। जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र में सभी सुविधाएं निशुल्क हैं। यदि बच्चा अतिकुपोषित हो तो समय रहते ही उसे अवश्य भर्ती करवाएं।