फर्रुखाबाद: समृद्ध सद्भावना मंच से दिया सन्देश,समाज से नशा रूपी कोढ़ को जड़ से खत्म कर देना चाहिए-डॉ रामकृष्ण राजपूत

(द दस्तक24 न्यूज़) सर्व धर्म समभाव से समृद्ध सद्भावना मंच जनपद का सादर अभिनंदन आभार जिन्होंने हरिगोविंद शाक्य हरि को सादर आमंत्रित किया एवं नशा मुक्त अभियान का हिस्सा बनाया। कुदरत सिंह रेखी गेस्ट हाउस में आयोजित एक समारोह में मंच से बोलते हुए हमने कहा कि आजकल हमारे समाज में नशा धूम्रपान ,शराब ,चरस ,गांजा  भांग आदि का प्रचलन जोरों पर है जो समाज एवं देश को खोखला कर रहा है। जिस देश का युवा नशे का आदी हो गया समझ लीजिए उसकी बर्बादी निश्चित है। पंचशीलों में अति विशिष्ट तथा प्रमुख यह पांचवा स्तंभ (नशाखोरी) बहुत ही महत्वपूर्ण है जिस पर व्यक्ति अंकुश लगाने में नाकामयाब है। पता नहीं कितने घर बर्बाद हो चुके हैं और हो भी रहे हैं। सदियों से यह सिलसिला आज भी जारी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता जाने-माने साहित्यकार डॉ रामकृष्ण राजपूत जीने की। उन्होंने आए हुए दूर दराज से समस्त अतिथियों तथा लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब वह समय आ गया है जब समाज से नशा रूपी कोढ़ को जड़ से खत्म कर देना चाहिए। कार्यक्रम को कई लोगों ने संबोधित किया। आओ हम शपथ लें अब से हम कभी नशा नहीं करेंगे और कम से कम समाज के पांच लोगों को नशा से मुक्ति दिलाएंगे।

“साहित्यकार हरगोविंद शाक्य हरि” कविता:-

जिधर देखता नजर उठा कर, आज युवा दम तोड़ रहा। पता नहीं अपने को आखिर, आज किस तरफ मोड़ रहा।

बीड़ी सिगरेट तंबाकू का, मिल जाएंगे हमें अधिकतर, पैर कुल्हाड़ी अपने मारे, धुआं गांवों उड़ाते छल्लों में। गली मुहल्लों में। अपने ही सर फोड़ रहा। पता नहीं अपने को आखिर, आज किस तरफ मोड़ रहा।

   ओर सवेरे तड़के से ही घर समाज बच्चों के पीने सपने, घर परिवार देश हित चिंतन, पता नहीं अपने को आखिर, आज में लग जाते हैं। छूमंतर हो जाते हैं। सारे बंधन तोड़ रहा। किस तरफ मोड़ रहा।

   दारू भांग चरस गांजा लत, जूयें की भी डाल रहे। पता नहीं कितने रोगों को सबसे ज्यादा बर्बादी का, निज शरीर में पाल रहे। आपस में ही होड़ रहा। पता नहीं अपने को आखिर, आज किस तरफ मोड़ रहा।

  करें ड्रग्स सेवन अंधे बन, जीवन चौपट कर डाला। धन्य धन्य हे धन्य साथियों, देश मुसीबत में डाला। नशा मुक्त जिंदगी जियें हम, सदियों से यह कोढ़ रहा। पता नहीं अपने को आखिर, आज किस तरफ मोड़ रहा।

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