फर्रुखाबाद:सीएचसी राजेपुर में 5 फाइलेरिया रोगियों को दी गई दवा और किट 19,22 और 24 नवंबर को लोहिया अस्पताल में निशुल्क होंगे हाइड्रो शील के आपरेशन-सीएमओ

फर्रुखाबाद, 11 नवम्बर 2022 राष्ट्रीय फ़ाइलेरिया दिवस के अवसर पर शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कमालगंज में 5 फाइलेरिया रोगियों को प्लास्टिक की बाल्टी, मग, साबुन, तौलिया तथा क्रैप बैंडेज दी गयी । इसके साथ ही उन्हें नियमित तौर पर व्यायाम करते रहने की सलाह भी दी गई | उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी और प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी डॉ राजेश माथुर ने बताया कि इस किट का वितरण आगामी दिवसों में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से भी किया जायेगा जिस किसी को इस रोग की शिकायत हो वह सम्बंधित सीएचसी पर जाकर इस किट को प्राप्त कर सकता है | जब भी किट लेने आयें अपना आधार कार्ड साथ लेकर आयें |

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ अवनींद्र कुमार का कहना है फाइलेरिया के लक्षण प्रतीत होने पर जल्द से जल्द पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सम्पर्क करें और इसके इलाज में लापरवाही न बरतें l इसके साथ ही जब भी फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम चले, उस दौरान मिलने वाली फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन जरूर करें l
डॉ. माथुर ने बताया की कमालगंज ब्लॉक में 102 फाइलेरिया रोगी हैं जिनमें से 5 लोगों ने आज़ किट प्राप्त कर ली है, जिन लोगों को आज़ किट नहीं मिल पाई है सीएचसी पर अपना आधार कार्ड दिखाकर प्राप्त कर सकते हैं l इसके साथ ही बताया कि वर्तमान में इस समय ज़िले में लगभग 1013 लोग फाइलेरिया से ग्रसित हैं | उन्होंने कहा कि फाइलेरिया हाइड्रोसील ऑपरेशन के लिए डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में दिनांक 19, 22 एवं 24 नवम्बर को निशुल्क कैंप आयोजित किया जाएगा अतः जिस किसी को भी हाइड्रोसील ऑपरेशन कराना हो तो वह एक दिन पूर्व जिला चिकित्सालय के सर्जरी विभाग में अथवा जिला मलेरिया कार्यालय फतेहगढ़ मैं संपर्क कर निशुल्क हाइड्रोसील ऑपरेशन का लाभ उठा सकते हैं l
फाइलेरिया निरीक्षक दीपांशु यादव ने बताया कि यह बीमारी क्यूलैक्स मच्छर के काटने से फैलती है, इस मच्छर के पनपने में मल, नालियों और गड्ढों का गंदा पानी मददगार होता है , इस मच्छर के लार्वा पानी में टेढ़े होकर तैरते रहते हैं। क्यूलैक्स मच्छर जब किसी व्यक्ति को काटता है तो वह फाइलेरिया के छोटे कृमि का लार्वा उसके अंदर पहुँचा देता है। संक्रमण पैदा करने वाले लार्वा के रुप में इनका विकास 10 से 15 दिनों के अंदर होता है। इस अवस्था में मच्छर बीमारी पैदा करने वाला होता है। इस तरह यह चक्र चलता रहता है।
मकरंदपुर बसहा नगला की रहने वाली 44 वर्षीय कमला राधिका (बदला हुआ नाम) कहतीं हैं कि मुझे तीन वर्ष पहले फाइलेरिया की शिकायत हुई थी | काफी निजी चिकित्सकों से इलाज कराया पर कोई फायदा नहीं मिला , तब जाकर मलेरिया कार्यालय से मुझे दवा मिली थोडा-थोडा आराम है| पहले से पैरों की सूजन कम हुई है |

इसी गांव के रहने वाले 29 वर्षीय लाखन सिंह कहते हैं मेरे पैरों में लगभग सात साल से फाइलेरिया की शिकायत है आराम मिल जाता है लेकिन फिर सूजन आ जाती है l
इस दौरान वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक अशोक यादव, बायोलाजिस्ट श्री राम शुक्ल,फाइलेरिया निरीक्षक अनिमेष शुक्ल मौजूद रहे |