फर्रुखाबाद: मौसम में उतार-चढाव होने पर आलू-सरसों की फसल में माहू, थ्रिप्स कीटों के नियंत्रण के लिए उपाय- कृषि रक्षा अधिकारी

फर्रुखाबाद,(द दस्तक 24 न्यूज़) 01 जनबरी 2025 किसान भाइयों इस समय वायुमण्डल में तापमान निरन्तर गिर रहा है। तापमान के गिरने तथा वायुमण्डल में आर्द्रता बढ़ने से आपके द्वारा बोई गई फसलों में फंफूदीजनित रोगों के लगने की सम्भावना बढ़ जाती है साथ ही मौसम में उतार-चढाव होने पर माहू, थ्रिप्स आदि कीटों के लगने की सम्भावना हो जाती है। अतः बोई गई फसलों में निरन्तर देख-रेख करने की आवश्यकता है। बोई गई फसलों में आलू व सरसों की फसलें इस समय सबसे अधिक रोगों व कीटों से प्रभावित होती है। आलू व सरसों की फसलों में रोगों व कीटों के नियंत्रण के लिए कुछ सुझाव दिये गये है जो निम्नवत् हैः-

आलू-आलू की फसल में माहू, थ्रिप्स कीटों के नियंत्रण के लिए एजाडिरैक्टिन (नीम ऑयल) 0.15 प्रतिशत ई०सी० की 2 लीटर मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें। रसायनिक नियंत्रण के लिए डाइमेथोएट 30 प्रतिशत ई०सी० की 1.5 एम०एल० मात्रा प्रति लीटर पानी अथवा इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एस०एल० की 1/2 एम०एल० मात्रा प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिडकाव करें।

आलू की फसल में इस समय अगेती व पिछेती झुलसा रोग का प्रकोप की सम्भावना सबसे अधिक होती है। अगेती झुलसा से पत्तियों पर कत्थई भूरे रंग के छोटे-छोटे धब्बे बनते है जो धीरे-धीरे बढ़ जाते है तथा पिछेती झुलसा में पत्तियों व तनों पर भूरे रंग के धब्बे तथा धब्बों के ठीक निचली सतह पर रूई जैसी फंगस जमा हो जाती है। पिछेती झुलसा रोग आलू की फसल पर तीव्र गति से बढता है जिसको तुरन्त नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है। अगेती व पिछेती झुलसा के नियंत्रण के लिए मैंकोजेब 75 प्रतिशत डब्ल्यू०पी० की 2.5 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी अथवा कार्वेण्डाजिम 12 प्रतिशत+मैंकोजेब 63 प्रतिशत डब्ल्यू०पी० की 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी अथवा जिनेव 75 प्रतिशत डब्ल्यू०पी० की 2.5 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर फसल पर छिडकाव करें। पिछेती झुलसा का प्रकोप तीव्र होने पर मेटाएक्सिल 4 प्रतिशत मैंकोजेब 64 प्रति० की 2.5 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी अथवा सायनोक्सानिल 8 प्रतिशत मैंकोजेब 64 प्रति० की 3 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी अथवा एजेस्ट्रोविन 18.2 प्रतिशत डिफेनोकोनाजोल 11.4 प्रतिशत एस०सी० की 1 एम०एल० मात्रा प्रति लीटर पानी अथवा कॉपरआक्सीक्लोराइड 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी की 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिडकाव करें।

सरसों सरसों की फसल में माहू कीट के नियंत्रण के लिए एजाडिरैक्टिन 0.15 प्रतिशत ईसी (नीम ऑयल) की 2.5 लीटर मात्रा अथवा डाइमेथोएट 30 प्रतिशत ईसी की 1 लीटर मात्रा 600 से 750 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से फसल पर छिडकाव करें।

सरसों की फसल में मुख्य रूप से आल्टरनेरिया पत्ती धब्बा रोग लगता है जिसमें पत्तियों तथा फलियों पर गहरे कत्थई रंग के धब्बे बनते है जो गोल छल्ले के रूप में होते हैं। तीव्र प्रकोप होने पर यह छल्ले आपस में मिल जाते है जिससे पूरी पत्ती झुलस जाती है। रोग के नियंत्रण के लिए मैंकोजेब 75 प्रतिशत डब्ल्यूपी अथवा जिनेव 75 प्रतिशत डब्ल्यूपी की 2 किलोग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 600 से 750 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें।

किसान भाइयों किसी भी फसल में कीट रोग के नियंत्रण की अधिक जानकारी के लिए कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारी प्राविधिक सहायक अथवा विकास खण्ड स्तर पर राजकीय कृषि रक्षा इकाई पर सम्पर्क स्थापित कर सकते है अथवा पीसीएसआरएस के मोबाइल व्हाटस्प नं0 9452247111 व 9452257111 पर भेजकर निदान प्राप्त कर सकते है अथवा एनपीएसएस एप्स डाउनलोड करके अपनी समस्या भेजकर निदान प्राप्त कर सकते है।

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