फर्रुखाबाद:फाइलेरिया की कहानी मनोज की जुबानी, जीवन भर के लिए अपंग बना देता है फाइलेरिया -मनोज

फर्रूखाबाद,9 जुलाई 2023 जिले के राजेपुर ब्लॉक के अन्तर्गत आने वाले ग्राम भरखा के रहने वाले 40 वर्षीय मनोज को लगभग 14 साल पहले फाइलेरिया के लक्षण नज़र आने लगे थे तब उनकी अवस्था महज़ 26 वर्ष की थी l

मनोज बताते हैं कि लगभग 14 वर्ष पहले मेरे सीधे पैर के अंगूठे में हल्की सूजन आ गई थी जिसे देख कर मुझे लगा चोट लग गई होगी अपने आप ठीक हो जाएगी लेकिन यह सूजन जब बढ़कर पूरे पैर में हो गई तो चलने फिरने में परेशानी होने लगी अपने घर के पास ही में डॉक्टर को दिखाया दवा ली पर कोई आराम नहीं मिला और मैं तनावग्रस्त रहने लगा इस दौरान मुझे नींद न आना, भूलना आदि मानसिक विकारों ने घेर लिया तो मैंने अपना इलाज कानपुर में एक मनोचिकित्सक से कराया उन्होंने दवा दी कुछ आराम मिला और अब तो बिना दवा खाए नींद नहीं आती है l
मनोज बताते हैं क़रीब पाँच साल पहले एक दिन आशा सरिता घर में फाइलेरिया की दवा देने आईं उन्होंने मेरे पैर की सूजन को देखा और कहा इसकी जांच फतेहगढ़ में फाइलेरिया अस्पताल में हर बुधवार को रात में होती है तभी पता चलेगा यह क्या है l
मनोज बताते हैं कि आशा की बात मानकर जाँच कराई तो उसमें फाइलेरिया रोग निकला l फाइलेरिया के बारे में बहुत कुछ लोगों से सुन रखा था कि यह सही नहीं होता तो मन में तरह तरह के खयाल आने लगे अब क्या होगा l
मनोज ने बताया कि फाइलेरिया निरीक्षक दीपांशु यादव ने समझाया कि फ़ाइलेरिया लाइलाज बीमारी है पर इसका प्रबंधन कर जैसे रोज़ व्यायाम करके और पैर की साफ सफ़ाई करके किया जा सकता है । मनोज बताते है कि दीपांशु जी के बताए अनुसार मैं व्यायाम करता हूँ जिससे मेरी पैर की सूजन में कमी आई है l
अब मेरी पत्नी और 10 साल का बेटा आशा द्वारा वर्ष में दी जाने वाली फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन जरूर करते हैं और मैं अन्य लोगों को भी बताता हूँ कि मुझे तो फ़ाइलेरिया से बचाव की दवा की जानकारी नहीं थी तो मेरा ये हाल हुआ है । पर आप लोग इस दवा का ज़रूर लीजिए ।

प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी आर सी माथुर ने बताया कि जनपद सहित प्रदेश के 27 जिलों में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 10 अगस्तसे चलाया जाएगा l अभियान के दौरान स्वास्थ्य कर्मी घर – घर जाकर फाइलेरिया रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ ही अपने सामने ही इस रोग से बचने के लिए दवा भी खिलाएंगे l यदि आपको फाइलेरिया की दवा खाने से पेट दर्द, उल्टी, मितली, चक्कर आना, चकत्ते पड़ना और दिल की धड़कन तेज होने जैसी समस्या होती है, तो आप घबरायें नहीं इसका मतलब है कि माइक्रोफाइलेरिया आपके शरीर में मौजूद है ।जब ये माइक्रोफ़ाइलेरिया मरते है तो शरीर में इस तरह कि प्रतिक्रिया होती है पर ही कुछ देर में शरीर पहले की तरह सामान्य हो जाता है ।

डीएमओ ने बताया कि साल में एक बार लगातार पांच साल दवा खाने से फाइलेरिया से बचा जा सकता है l
डीएमओ ने बताया कि सरकार द्वारा फाइलेरिया रोगी को एमएमडीपी किट दी जाती है जिसके माध्यम से इस रोग पर कुछ हद तक काबू किया जा सकता है इस किट में बाल्टी , मग, साबुन, टब, तौलिया और एंटी- बैक्टीरियल/एंटी-फंगल क्रीम दी जाती है जिसके माध्यम से रोगी को बताए अनुसार अपने फाइलेरिया प्रभावित अंग की नियमित सफ़ाई करते रहना है l जिससे इस संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके l
डीएमओ ने बताया कि इस समय जिले में 1013 लोग फाइलेरिया से ग्रसित हैं जिनमें 531 लोगों को लिम्फोडीमा की शिकायत है तो वहीं 154 लोगों के हाइड्रसील के आपरेशन कराए जा चुके हैं शेष 328 लोगों के अभी शेष हैं जिनका भी जल्द आपरेशन कराने का प्रयास किया जाएगा l
फाइलेरिया के लक्षण :
-सामान्यतः संक्रमित व्यक्ति में शुरुआती तौर पर इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं। इसके लक्षण आने में दस से पंद्रह साल लग जाते है ।
-बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।
-पैरों व हाथों में सूजन और हाइड्रोसिल के रूप में भी यह समस्या सामने आती है।
फाइलेरिया से बचाव :
*मच्छरो से बचने के लिए मच्छर दानी का प्रयोग करें
*घर के आस-पास कूडे को इकठ्ठा न होने दें, कूडेदान का प्रयोग करे
*आसपास पानी न जमा होने दे
*ठहरे हुए पानी में जला हुआ मोबील आयल डाल दे
*सूजन वाली जगह चोट से बचे ताकि संक्रमण का ख़तरा न रहे
*पूरी बाजू का कपड़ा पहने